हरियाणा के नूंह में क्यों भड़की हिंसा, कैसे जंगल की आग की तरह शहर-शहर फैला बवाल
हरियाणा के नूंह इलाके में धार्मिक यात्रा के ऊपर हुए हमले और दो गुटों के बीच हिंसक हुई झड़प की आग अब यूपी के मथुरा और हरियाणा की सीमा पर बने कोसी कोटवन बॉर्डर तक पहुंच गई है। हिंसा की आग की लपटें राजस्थान के भी कुछ जिलों तक पहुंच गई हैं। हर जगह पुलिस अलर्ट मोड़ पर दिखाई दे रही है और एहतियातन इस हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। इस हिंसक वारदात की जानकारी मिलते ही इसकी आग कई राज्यों में फैल गई और कई हिंदूवादी संगठन के लोग भी बड़ी संख्या में हरियाणा के बॉर्डर पर पहुंच गए और हरियाणा में हुई घटना के विरोध में नारेबाजी की।
सोमवार, 31 जुलाई को हरियाणा के मेवात और सोहना में दो समुदायों के बीच जबरदस्त बवाल हुआ और देखते ही देखते हिंसा की आग गुरुग्राम, फरीदाबाद तक पहुंच गई। यहां दोनों समुदायों ने एक-दूसरे पर जमकर पत्थर चलाए। करीब 90 गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। इस तनाव की शुरुआत नूंह से हुई, जहां ब्रजमंडल यात्रा के दौरान दो गुटों में टकराव हुआ और देखते ही देखते हंगामा इतना बढ़ गया कि पत्थर के साथ साथ गोलियां भी चलीं और इस हिंसा में दो होम गार्ड्स समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए।
इस हिंसा को देखते हुए नूंह में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट पर भी तीन दिन के लिए रोक लगा दी गई है। इसके अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद और रेवाड़ी में धारा 144 लागू कर दी गई है और इन जगहों पर स्कूल बंद कर दिए गए हैं। हरियाणा से सटे राजस्थान के भरतपुर में भी अलर्ट जारी किया गया है। यहां की चार तहसीलों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।
हरियाणा सरकार ने नूंह जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए केंद्र से एक हफ्ते के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की 20 कंपनियां मांगी हैं. इन्हें जिले के संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाएगा।