गजब! जंग में दोनों पैर गंवाने के बावजूद इस पूर्व सैनिक ने रचा इतिहास

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काठमांडू: कहते हैं कि अगर किसी लक्ष्य को पाने की जिद हो, तो सफलता निश्चित है। एक जंग में अपने दोनों पैर गंवा चुके पूर्व नेपाली सैनिक ने इस कहावत को सही साबित करके दिखाया है। इस पूर्व सैनिक का नाम हरि बुधमागर है, जिनकी उम्र 43 साल है और उन्होंने अपने दोनों पैर गंवाने के बावजूद माउंट एवरेस्ट फतह कर इतिहास रच दिया है।

 

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हरि ने अफगानिस्तान में 2010 में जंग लड़ते हुए दोनों पैर गंवा दिए थे। लेकिन इस पूर्व सैनिक ने माउंट एवरेस्ट फतह कर इतिहास रच दिया और वह कृत्रिम पैरों से दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति बन गए। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

 

43 साल के हरि बुधमागर ने शुक्रवार दोपहर 8848.86 मीटर ऊंची पर्वत चोटी फतह की। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘दोनों पैरों से अशक्त पूर्व सैनिक हरि बुधमागर ने शुक्रवार को माउंट एवरेस्ट फतह कर इतिहास रच दिया।’ वह इस श्रेणी में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी फतह करने वाले पहले व्यक्ति हैं। बुधमागर ने 2010 में अफगानिस्तान युद्ध में ब्रिटिश गोरखा के एक सैनिक के रूप में ब्रिटेन सरकार के लिए लड़ते हुए अपने दोनों पैर गंवा दिए थे।’

 

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