एसिड अटैक भी नहीं तोड़ सका कैफी का हौसला, 10वीं से स्कूल में किया था टॉप

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चंडीगढ़, 16 मई

एसिड अटैक भी नहीं तोड़ सका कफी की हिम्मत, 10वीं से स्कूल में किया है टॉप

काफी 3 साल के थे जब ईर्ष्यालु पड़ोसियों ने उन पर तेजाब फेंक दिया था। इससे उसका पूरा चेहरा जल गया। वह छह साल तक अस्पताल में भर्ती रहीं। इस हमले से कैफी की आंखें भी चली गईं।

 

पंजाब के चंडीगढ़ में इंस्टीट्यूट ऑफ द ब्लाइंड का 15 वर्षीय छात्र कैफी देश में सभी एसिड अटैक पीड़ितों के लिए एक मिसाल है। दरअसल, काफी ने सीबीएसई 10वीं में 95.02% अंक हासिल किए थे। काफी ने 95.02% अंक हासिल कर स्कूल में टॉप किया है। कैफी एक एसिड अटैक सर्वाइवर है। महज 3 साल की उम्र में उन पर एसिड अटैक हुआ था।

 

कैफी के पिता सचिवालय में चपरासी का काम करते हैं। 10वीं के नतीजे से खुश काफ़ी ने कहा कि वह बड़ी होकर आईएएस बनना चाहती हैं। भूगोल उनका पसंदीदा विषय है। काफी ने कहा कि यूट्यूब और इंटरनेट ने उनकी पढ़ाई में काफी मदद की। वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के प्रोत्साहन व शिक्षकों के मार्गदर्शन को देती है।

 

अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर काफ़ी के पिता ने कहा कि उन्हें उस पर गर्व है और वह भविष्य में जो कुछ भी करना चाहेगी उसमें उसका साथ देंगे. वह बताते हैं कि जब एसिड अटैक हुआ तो वह बहुत निराश थे, लेकिन उन्हें बहुत कुछ सिखाने का फैसला किया और आज काफ़ी ने उस फैसले को सही साबित कर दिया है। काफ़ी की इस सफलता पर काफ़ी की माँ ने भी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि उन्हें समाज में सिर उठाकर चलने का अवसर मिला है और यह बहुत गर्व की बात है

 

गौरतलब है कि जब कफी 3 साल के थे तो पड़ोसियों ने ईर्ष्या के कारण उन पर तेजाब फेंक दिया था. इससे उसका पूरा चेहरा जल गया। वह छह साल तक अस्पताल में भर्ती रहीं। इस हमले से कैफी की आंखें भी चली गईं। तभी से कफी ब्रेल से पढ़ाई कर रहे हैं। कैफी बहुत होनहार है, इस हमले ने कैफी को नहीं तोड़ा। वह अपने सपनों को हासिल करने के लिए संघर्ष करता रहा।

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