पशु आदान प्रदान कर्यक्रम के तहत छत्तबीड़ चिड़ियाघर में नए जानवरों का हुआ आगमन

– सैलनियों का मनोरंजन करेंगे नए जानवर
मुकेश चौहान मोहाली /जीरकपुर
सेंटरल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों अनुसार छत्तबीड़ चिड़ियाघर में पशु आदान प्रदान कार्यक्रम के तहत नए जानवर हैदराबाद से लाए गए हैं। जो यहां आने वाले सैलनियों का भरपूर मनोरंजन करेंगे। यह जीव नेहरू जुलॉजिकल पार्क हैदराबाद से लाए गए हैं।
नए आए जानवरों में स्लोथ भालू नर और मादा शामिल हैं। यह भालू हर प्रस्थिति को आसानी से अपना लेता है। यह भालू दक्षिण एशिया और भारत के गर्म महाद्वीप, मैदानी घास व जंगलो में रहते हैं।
इसके इलावा चिड़ियाघर में दो जोड़े दलदली मगरमछ आए हैं, यह मगरमछ मध्यम आकर के हैं, जिन्हे मगगर मगरमछ भी कहा जाता है। यह दक्षिणी ईरान से भारतीय महाद्वीप में रहते हैं और साफ सुथरे पानी में रहना पसंद करते हैं। इसके इलावा यह दलदल, झीलों, नदियों व साफ तलाबों व विशेष तौर से तैयार किए गए पाउंड में रहता है।
इसके इलावा एक बोनट मकाक का जोड़ा भी मिला है। भारतीय बोनत बकाक बंदरों की ही एक प्रजाति है। छत्तबीड़ चिड़ियाघर में पहले भी बोनट मकाक मौजूद हैं लेकिन उनको प्रजन्न प्रकिर्या और रक्त रेखा को सुध रखने के लिए इन्हे चिड़ियाघर में लाया गया है।
यह अभी जानवर हैदराबाद के नेहरू जुलॉजिकल पार्क से लाए गए हैं इसके इलावा तेलंगाना से गोल्डन सियार, चौसिंगा, माउस हिरण, सार्स क्रेन, सफेद कबूतर, सिल्वर तीतर और गरे पालिकन की अन्य प्रजातियां की एक जोड़ी शामिल है।
छतबीड़ चिड़ियाघर में लाए गए इन जानवरों के लिए स्पेशल बाड़े तैयार किए गए हैं और उन में शिफ्ट कर दिया गया है। जो जल्द ही सैलनियों के लिए अपने अपने बाड़ों में खेलते हुए नजर आएंगे।
उपरोक्त जानवरों के आदानप्रदान प्रकिर्या में छत्तबीड़ चिड़ियाघर से हैदराबाद चिड़ियाघर को दो दो गोरल, तीन चिंकारा, एक भारतीय लोमड़ी, चार गोल्डन तीतर, चार कलीज तीतर, दो सार्स क्रेन, दस पेटेंड सार्स, चार ब्लॉस्म हैडेड पैराकोट, दस नोब बिलेड डक दिया गया है।