नशे की लत में बर्बाद पंजाब के 70 गांव, पाकिस्तान से आती है हेरोइन; महिलाएं और बच्चे करते हैं होम डिलीवरी

अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिला तरनतारन के करीब 70 गांव नशे से बुरी तरह प्रभावित हैं। करीब चार वर्ष पहले जिला पुलिस ने एसआइटी का गठन कर उक्त गांवों की पहचान करवाई थी जिससे नशे का नेटवर्क तोड़ा जा सके।
लेकिन इस पर लगाम नहीं लग पाई है। अब हालात ये हैं कि पाकिस्तान की ओर से आए दिन ड्रोन के जरिये नशे की खेप गांवों में पहुंच रही है।
ये गांव हैं नशे की लत से प्रभावित
सीमा से सटे थाना खालड़ा के सात, सदर पट्टी के आठ, कच्चा पक्का के छह, भिखीविंड के आठ, खेमकरण के चार, वल्टोहा के तीन, थाना सदर के दो, हरिके पत्तन के दो, चोहला साहिब के दो, झब्बाल के चार, वल्टोहा के तीन गांव नशे की लत से प्रभावित हैं।
विधानसभा हलका पट्टी के कस्बा नौशहरा पन्नुआं, सरहाली,शकरी से संबंधित तालाबों के किनारे अवैध शराब तैयार करने का कारोबार चलता है जबकि गांव सेरों की बात करें तो यह गांव पहले अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के नाम से जाना जाता था। इस गांव से संबंधित कई तस्कर अब भी भगोड़े हैं।
तीन वर्ष के दौरान पट्टी हलके में नशे से 26 के करीब युवाओं की मौत हो चुकी है। श्री गोइंदवाल साहिब स्थित निम वाली घाटी के नाम से जानी जाती बस्ती चिट्टे के लिए बदनाम है। इस बस्ती से संबंधित करीब 20 महिलाओं समेत 50 लोगों के खिलाफ नशा तस्करी के केस दर्ज हैं।
सैनिकों के गांव ख्वासपुर की बात करें तो चार वर्ष के दौरान यहां पर नशे का प्रभाव बढ़ा है। नशे का कारोबार करने वाले अपने बच्चों से लेकर महिलाओं की मदद से चिट्टे की होम डिलीवरी करवाते हैं।
इन गांवों के तस्कर पुलिस के लिए बने हुए हैं चुनौती
विधानसभा हलका तरनतारन के कस्बा नौशहरा ढाला, हवेलियां, चीमा व मूसे से संबंधित एक दर्जन के करीब अंतरराष्ट्रीय तस्कर पुलिस के लिए चुनौती बने हैं। खेमकरण के गांव मेहंदीपुर, कालिया सकतरा, डल, वां तारा सिंह, खालड़ा, भिखीविंड के अलावा दस ऐसे गांव हैं, जहां से संबंधित लोगों के खिलाफ बार-बार नशा तस्करी करने के केस दर्ज हैं। इस क्षेत्र से संबंधित 12 से अधिक तस्कर ए कैटेगरी में आते हैं।
नशे के खिलाफ जनता का भी मिल रहा सहयोग: पुलिस
डीआइजी फिरोजपुर रेंज रंजीत सिंह ढिल्लों का कहना है कि नशे को रोकने को पुलिस 24 घंटे काम कर रही है। नशे के खिलाफ अब जनता का सहयोग भी पुलिस को मिल रहा है।