दिल्ली के सभी सरकारी-प्राइवेट दफ्तरों में 50% वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य, कंस्ट्रक्शन मजदूरों के खातों में भेजे जाएंगे 10000 रुपये
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने दो बड़े फैसले लिए हैं। प्रदूषण की वजह से दिल्ली के सभी सरकारी व प्राइवेट दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया गया है। स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए सरकार ने छूट दी है। सरकार ने दिल्ली में निर्माण कार्य पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। निर्माण कार्य रुकने से प्रभावित सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के खातों में 10 हजार रुपये भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण ग्रैप-4 लागू है। दिल्ली में लेबर डिपार्टमेंट ने कहा कि 18 दिसंबर से राष्ट्रीय राजधानी में ऑफिसों और बिजनेस संस्थानों में सिर्फ 50 प्रतिशत अटेंडेंस की इजाजत होगी, जबकि बाकी स्टाफ घर से काम करेगा। ऑफिसों को फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स शुरू करने के लिए भी कहा गया है। जेल, स्वास्थ्य सेवाएं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बिजली और अन्य जरूरी डिपार्टमेंट सहित आवश्यक सेवाओं को इन पाबंदियों से छूट दी गई है।
श्रम विभाग ने यह भी कहा कि सभी रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को GRAP पाबंदियों के कारण कंस्ट्रक्शन बंद रहने की अवधि के दौरान काम के नुकसान के लिए मुआवजे के तौर पर 10,000 रुपये मिलेंगे। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब बुधवार सुबह दिल्ली की हवा की क्वालिटी में थोड़ा सुधार हुआ है। दिल्ली का ओवरआल AQI 328 रिकॉर्ड किया गया, जो अभी भी ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में बुधवार सुबह स्मॉग की मोटी परत छाई रही। इंडिया गेट,आनंद विहार , IGI एयरपोर्ट और ITO इलाके में धुंध छाया रहा। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, इन इलाकों में AQI 340-360 के बीच दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, 40 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 30 केंद्रों ने एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया। इनमें बवाना में वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही जहां एक्यूआई 376 दर्ज किया गया। सुबह के शुरुआती घंटों में दिल्ली के कई हिस्सों में धुंध और कोहरे की चादर छाई रही जिससे दृश्यता प्रभावित हुई।
