38 वर्षों से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे पीड़ितों को गंभीर मानसिक आघात पहुंचा सज्जन कुमार और अन्य को बरी करना दुखद- एडवोकेट धामी

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अमृतसर, 20 सितंबर,

 

सज्जन कुमार और अन्य को बरी किया जाना दुखद है। 1984 के दिल्ली सिख नरसंहार के दौरान सुल्तानपुरी इलाके में हुई घटना से संबंधित मामले में सज्जन कुमार और अन्य आरोपियों को बरी किए जाने से उन पीड़ितों को गहरी मानसिक चोट पहुंची है जो न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 38 वर्ष. शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सरकारों की ढीली कारगुजारी के कारण आरोपियों को रिहा किया जा रहा है. सरकारें सही तरीके से पक्ष रखने में असमर्थ साबित हो रही हैं.

शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि सज्जन कुमार दिल्ली सिख नरसंहार के कई मामलों में दोषी हैं और फिलहाल जेल में सजा काट रहे हैं. इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है. एडवोकेट धामी ने कहा कि दिल्ली सिख नरसंहार के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए शिरोमणि कमेटी इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में किसी भी कानूनी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगी।

 

 

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