कीरतपुर-मनाली फोरलेन समेत 261 सड़कें बंद, 1708 ट्रासंफार्मर खराब; हिमाचल के मंडी में बादल फटने से हाहाकार

मंडी। हिमाचल के मंडी जिले में पिछले 24 घंटों से जारी भारी बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिला भर में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं सामने आ रही हैं। सबसे गंभीर स्थिति कीरतपुर मनाली फोरलेन की है, जो पंडोह से टकोली सेक्शन के बीच तीन अलग-अलग स्थानों पर भूस्खलन के कारण पूरी तरह बंद हो गया है।
इन स्थानों पर मलबा गिरने का सिलसिला अभी भी जारी है, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप है। लारजी पावर हाउस के समीप स्थित पंडोह-टकोली सेक्शन के 840 मीटर लंबे एलिवेटेड ब्रिज को भी नुकसान पहुंचा है। भारी चट्टान के ब्रिज पर गिरने से डेक स्लैब को लगभग 15 सेंटीमीटर नदी की ओर खिसका दिया है, जिससे पूरी संरचना अस्थिर हो गई है।
भारी बारिश के थमने के बाद ही मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा। वहीं, लोक निर्माण विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मंडी जिले की कुल 261 सड़कें बंद हो गई हैं। सबसे अधिक सड़कें धर्मपुर मंडल (60), सरकाघाट (36), थलौट (34), करसोग (32), और सराज में 32 बाधित हुई हैं।
भारी बारिश के थमने के बाद ही मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा। वहीं, लोक निर्माण विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मंडी जिले की कुल 261 सड़कें बंद हो गई हैं। सबसे अधिक सड़कें धर्मपुर मंडल (60), सरकाघाट (36), थलौट (34), करसोग (32), और सराज में 32 बाधित हुई हैं।
इसके अतिरिक्त सुंदरनगर, गोहर, मंडी द्वितीय,जोगेंद्रनगर, पद्धर और नेरचौक मंडल में भी कई मार्ग अवरुद्ध हैं। सिर्फ सड़कें ही नहीं, बिजली आपूर्ति व्यवस्था भी चरमरा गई है। जिला में कुल 1708 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। गोहर मंडल में सबसे अधिक 604 ट्रांसफार्मर, करसोग में 365, मंडी में 355, धर्मपुर में 304, जोगेंद्रनगर में 14, सरकाघाट में 42 और सुंदरनगर में 24 ट्रांसफर्मर ठप हैं।
प्रशासन की ओर से बताया गया है कि जब तक वर्षा थमती नहीं, तब तक भूस्खलन क्षेत्रों में बहाली का काम शुरू करना जोखिमभरा रहेगा। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीमें मुस्तैद हैं, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण राहत एवं पुनःस्थापना कार्यों में व्यवधान बना हुआ है।
प्रशासन की ओर से बताया गया है कि जब तक वर्षा थमती नहीं, तब तक भूस्खलन क्षेत्रों में बहाली का काम शुरू करना जोखिमभरा रहेगा। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीमें मुस्तैद हैं, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण राहत एवं पुनःस्थापना कार्यों में व्यवधान बना हुआ है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक मंडी वरूण चारी ने जानकारी दी कि स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है और मौसम अनुकूल होते ही फोरलेन की बहाली के कार्य को प्राथमिकता पर लिया जाएगा।
RAGA NEWS ZONE
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