महिला मंडली ढकोली द्वारा शिव मंदिर रेलवे फाटक ढकोली में आयोजित भागवत कथा के सातवें दिन आज सुबह के सत्र में नीलम, कविता चौधरी, अलका शर्मा ने पूजा अर्चना करवाकर यजमान की भूमिका अदा की।

महिला मंडली ढकोली द्वारा शिव मंदिर रेलवे फाटक ढकोली में आयोजित भागवत कथा के सातवें दिन आज सुबह के सत्र में नीलम, कविता चौधरी, अलका शर्मा ने पूजा अर्चना करवाकर यजमान की भूमिका अदा की। आयोजन समिति की प्रवक्ता सीमा माथुर ने बताया है कि आज सांयकाल के सत्र में डा. नरेंद्र शर्मा मुख्य अतिथि रहे, उन्होंने आज कथा के अंतिम दिन व्यास पीठ गद्दी को विदाई की रस्म भी निभाई। वृंदावन से पधारे लोकप्रिय कथावाचक नंदकिशोर भारद्वाज ने अपनी ओजस्वी वाणी से भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाहों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वेद में एक लाख मंत्र और तीन कांड होते हैं।
कर्मकांड, ज्ञान कांड और उपासना कांड में अस्सी हजार मंत्र होते हैं। ज्ञान कांड में चार हजार तथा उपासना कांड में सोलह हजार मंत्र होते हैं। यही उपासना कांड के सोलह हजार मंत्र ही भगवान श्री कृष्ण की रानियां बनी। उन्होंने बताया कि 100 प्रकार के हमारे उपनिषद हैं। आगे की कथा में राजा नृग की कथा आदि कथाओं का वर्णन करते हुए तथा सुदामा चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मित्रता केवल सुदामा जैसी ही होनी चाहिए, जिससे कि भगवान को भी आशीर्वाद मिला। कथा के अंत में परीक्षित मोक्ष कथा, शुकदेव पूजन एवम् शूकदेव विदाई समारोह भी मनाया गया। कथा के आज अंतिम दिवस पर महिलाओं ने भावुक होकर बृज के गीतों एवम् उनकी धुन पर डांस किया। कल भागवत कथा के समापन कार्यक्रम में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंगला, राष्ट्र सेविका समिति की पंजाब एवम् हरियाणा प्रचार प्रमुख तमन्ना शर्मा तथा समाजसेवी राजीव शर्मा विशिष्ट अतिथि रहेंगे। कल विदाई कार्यक्रम में सुबह 9 बजे से हवन यज्ञ किया जायेगा, भागवत कथा के विशेष वृतांतों को सुनाया जायेगा तथा उसके बाद विशाल भंडारा प्रभु इच्छा तक लगाया जायेगा। आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में सतीश गुप्ता, विनय माथुर, जतिंदरपाल कौर बब्बू, पिंकी माहेश्वरी, नमोनारायण शर्मा, सतीश भारद्वाज तथा रामानंद तिवारी का सराहनीय योगदान रहा।