2024 चुनाव अकाली-भाजपा गठबंधन: बदल जाएगी पंजाब की राजनीति?

चंडीगढ़, 6 जुलाई
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सियासी समीकरण एक बार फिर बदलते नजर आ रहे हैं. संकेत हैं कि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन ने पूरी रणनीति बना ली है. सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी है.
राजनीति में शाह और मात का खेल जारी है. दो साल पहले किसान आंदोलन के दौरान टूटा बीजेपी-अकाली दल गठबंधन एक बार फिर जुड़ने को तैयार दिख रहा है, सवाल ये है कि अगर बीजेपी और अकाली दल के बीच दोबारा गठबंधन का ऐलान हुआ तो पंजाब की राजनीति में क्या होगा? आएगा।
विपक्षी दल महागठबंधन के जरिए खुद को मजबूत कर रहे हैं. बीजेपी भी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर मजबूती से चुनाव मैदान में उतरना चाहती है.
गठबंधन से अलग होने के बाद अकाली दल ने अपनी राजनीतिक जमीन खो दी है. गठबंधन के अलावा विधानसभा चुनाव हो या जालंधर उपचुनाव, सभी जगह करारी हार का सामना करना पड़ा है. अब अकाली दल फिर से बीजेपी के साथ मिलकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करना चाहता है.
बीजेपी पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी से मुकाबला करना चाहती है.
पंजाब में बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की जगह सुनील जाखड़ को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, ऐसे में अब बीजेपी पंजाब में किसी भी मोर्चे पर कमजोर नहीं रहना चाहती. इसलिए सुनील जाखड़ के अनुभव और पंजाब में अकाली दल की पकड़ से बीजेपी मजबूत स्थिति में आना चाहती है. किसान कानूनों को लेकर बीजेपी और किसानों के बीच दूरियां कम करने के लिए बीजेपी अकाली दल का समर्थन चाहती है. बीजेपी को उम्मीद है कि वह अकाली दल के वोट बैंक का फायदा उठा सकती है.