20 साल बाद न्याय: बहू ने सास को तेजाब से जलाकर मार डाला, भाई-बहन ने लड़ी लंबी लड़ाई, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

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 प्रयागराज में 20 साल पहले सनसनीखेज हत्या हुई थी। बहू ने घरेलू कलह और खुन्नस के कारण सोते समय सास को तेजाब डालकर मार डाला था। 2004 के मामले में प्रयागराज जिला कोर्ट ने गुरुवार(19 सितंबर) को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 20 साल बाद बहू माधुरी कुशवाहा को दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास और 40,000 रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने फैसले में यह भी कहा कि मृतका सुदामा देवी के पुत्र मोनू कुशवाहा और पुत्री पूजा कुशवाहा को अर्थदंड का 90 प्रतिशत दिया जाए।

सत्र न्यायाधीश संतोष राय ने आरोपिता के अधिवक्ता गुलाब चंद्र और बालकृष्ण मिश्र को सुनकर एवं सबूत का अवलोकन करने के बाद फैसला सुनाया। कोर्ट के इस फैसले से 20 साल बाद मारी गई सुदामा देवी के बेटे और बेटी को राहत मिली है। दोनों ने मां की कातिल को सजा दिलाने के लिए इतनी लंबी लड़ाई लड़ी।

जानकारी के मुताबिक, बहू माधुरी कुशवाहा का सास सुदामा देवी से बहुत ज्यादा झगड़ा होता था। दोनों के बीच आए दिन कहासुनी होती थी। घरेलू कलह और खुन्नस की वजह से बहू ने छत पर अकेले सो रही सुदामा देवी पर 20 मई 2004 को हमला बोल दिया। सास के चेहरे और शरीर पर तेजाब डालकर जला दिया। सुदामा पूरी तरह जल गई थीं। अस्पताल में सुदामा की मौत हो गई थी।

मां की हत्या के बाद नया पुरवा करेली निवासी रोहित उर्फ मोनू कुशवाहा ने भाभी के खिलाफ केस दर्ज कराया। मामला कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने सजा सुनाने से पहले छह गवाहों मोनू कुशवाहा, पूजा, डॉ. हरीशचंद्र, डॉ. जेएलएम कुशवाहा, राम आसरे, सत्यनारायण सिंह के बयान दर्ज हुए। कई बार गवाही हुई। बहस, जिरह का मौका मिला। तब जाकर गुरुवार को कोर्ट ने बहू  माधुरी कुशवाहा को उम्रकैद की सजा सुनाई।

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