10 साल बाद आया फैसला: नाबालिग लड़की को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह करने और दुष्कर्म किया |10 माह तक दिल्ली में उसे रखा, कोर्ट ने सुनाई 14 साल की सजा

झारखंड के कोडरमा जिले में साल 2013 में हिंदू नाबालिग लड़की को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह करने और दुष्कर्म किए जाने के मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए 14 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही आरोपी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना राशि नहीं दिए जाने पर 1 साल की अतिरिक्त सश्रम सजा भुगतनी होगी।
किन धाराओं के तहत कोर्ट ने लिया फैसला
कोडरमा के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने इसके साथ ही 366 ए आईपीसी एक्ट के तहत दोषी पाते हुए 5 साल की सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई। साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने की अतिरिक्त सश्रम सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ चलेंगी। बता दें कि मुख्य आरोपी रिंकू अंसारी फरार चल रहा था। पुलिस की दबिश एवं कुर्की जब्ती का नोटिस चिपकाया जाने के बाद आरोपी ने नाबालिग के साथ सरेंडर किया था।
गौरतलब हो कि वर्ष 2013 में सतगांवा थाना क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग के पिता ने सतगावां थाना में आवेदन देकर कहा था कि पड़ोस के एक दुकान में काम करने वाला रिंकू अंसारी के द्वारा उसकी बच्ची को जबरन अपहरण कर शादी की नीयत से भगा कर ले जाया गया है। कोर्ट में दिए बयान में नाबालिग ने बताया कि उसके पिता घर में नहीं थे, उसी वक्त वह घर से बाहर पिता को देखने के लिए निकली थी। इसी दौरान रिंकू अंसारी ने जबरन कार में बिठा लिया और वहां से धनबाद (कतरास) लेकर चला गया, धनबाद से झालदा फिर दिल्ली लेकर चला गया। इसके बाद उसका नाम बदलकर दूसरे धर्म का नाम रखा और रिंकू अंसारी ने निकाह कर लिया, लगभग 10 माह तक दिल्ली में उसे रखा। इस दौरान वह नाबालिग का शोषण करता रहा, उसे घर में बंद कर बाहर जाता था और किसी से शिकायत करने पर परिवार वालों की हत्या करने की धमकी भी देता था। पिता की शिकायत के बाद जब पुलिस ने संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए तो वह नाबालिग बच्ची के साथ रिंकू अंसारी ने सरेंडर कर दिया था।