हिमाचल के मनोहर हत्याकांड पर बड़ा खुलासा, जांच में सामने आई ये बात
जिस समय पूरे देश में उत्तराकाशी (Uttarkashi) के मुस्लिम दुकानदारों के पलायन की खबरें दिखाई जा रही थीं, ठीक उसी समयकाल में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की एक खबर को दबाए जाने की कोशिश की जा रही थी. जिस दौर में कुछ लोग मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के लव जिहाद (Love Jihad) वाले संबंधों को प्रेम कहने लगे हैं, ठीक उसी दौर में एक हिंदू युवक को एक मुस्लिम लड़की से प्रेम करने की सजा, मौत के तौर पर दी गई. हिमाचल प्रदेश के चंबा में मनोहर (Manohar) नाम के एक 22 साल के लड़के को इसलिए मार दिया गया, क्योंकि उसको एक मुस्लिम लड़की से प्रेम हो गया था. चंबा के सलूणी का रहने वाला मनोहर 6 जून को लापता हो गया था. परिवार वालों ने पुलिस स्टेशन में शिकायत की तो पुलिस ने लापता रजिस्टर में नाम लिखकर उसकी तलाश शुरू कर दी. ना मनोहर के माता-पिता को जानकारी थी, ना पुलिसकर्मियों को कोई खबर थी कि मनोहर की लाश पास ही एक बरसाती नाले में पत्थरों में दबाकर रखी गई थी.
मनोहर को बहुत ही वीभत्स तरीके से मारा गया था. 9 जून को पुलिसकर्मियों ने मनोहर का शव इस नाले में पड़ा देखा था. उन्हें पहले समझ में नहीं आया था कि ये शव किसका है, क्योंकि इसके 8 टुकड़े आसपास फैले हुए थे. पुलिसकर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद सभी टुकड़ों को इकट्ठा किया, तब जाकर पता चला कि 6 जून को लापता हुए मनोहर की मौत हो चुकी है. मनोहर के शव को एक बोरी में रखा गया था, लेकिन बोरी से खुलकर ये टुकड़े फैले हुए थे.
मनोहर की हत्या की खबर ने आसपास के पूरे इलाके को झकझोर दिया है. किसी को कोई अंदाज नहीं था कि आखिर मनोहर के साथ क्या हुआ है. लेकिन पुलिस को अपनी जांच में पता चला कि मनोहर का प्रेम संबंध एक मुस्लिम युवती से था. वो अपने परिवार के साथ रहती थी. बताया ये जा रहा है कि मुस्लिम युवती के हिंदू युवक के साथ प्रेम संबंधों की बात, युवती के परिवारवालों को ठीक नहीं लगी. इसी वजह से दोनों परिवारों में तनाव था. वजह यही थी कि युवक, अलग धर्म से ताल्लुक रखता था. पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद 3 लोगों को गिरफ्तार किया है और 7 लोगों को हिरासत में लिया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में मनोहर की प्रेमिका के बाबा मो. शरीफा, चाचा मुसाफिर हुसैन और चाची फरीदा को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन बात यही खत्म नहीं हुई. हिमाचल प्रदेश में हुए इस अपराध ने काफी उग्र रूप ले लिया. लोगों का गुस्सा, आरोपियों और पुलिस पर फूट पड़ा.
गुस्साई भीड़ ने आरोपियों के घर में लगाई आग
ये आरोपियों का घर था. मनोहर की हत्या से भड़की भीड़ ने आरोपियों के दो घर जला दिए. इस मामले में शिकायत पर धीमी कार्रवाई को देखकर, लोग पुलिस पर भड़क गए. इसके बाद लोग संघणी के लिए निकले और पुलिस को रास्ते में रोकने के लिए सड़क को जाम कर दिया. जब तक पुलिस आरोपियों के घर को बचाने के बारे में सोचती, तब तक भीड़ ने 2 मकानों को आग के हवाले कर दिया था. आरोपी के परिवार को बचाना भी पुलिस के लिए चुनौती थी. इलाके में स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि पुलिस को धारा 144 लगानी पड़ी. काफी देर बाद आरोपियों के घर पर लगाई गई आग बुझाई जा सकी.