हिंदुत्व और अहिंसा पर बयान देकर घिरे राहुल गांधी; सिख, इस्लाम और हिंदू धर्मगुरुओं ने दी पवित्र किताब पढ़ने की सलाह

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सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया. करीब 1.42 घंटे तक चले राहुल के भाषण के कुछ हिस्सों (रुकावट और हस्तक्षेप समेत) का जवाब खुद पीएम मोदी को देना पड़ा. अपने संबोधन में राहुल ने अलग-अलग धर्मों का जिक्र किया और अहिंसा से बीजेपी से लड़ने की बात कही. लोकसभा में विपक्षी दल के नेताओं का विरोध झेल चुके राहुल को अब धर्मगुरुओं ने पढ़ाई करने की सलाह दी है.

पूरे समाज को बदनाम करने और अपमानित करने का आरोप लगाया

राहुल गांधी के भाषण पर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा, हिंदू हर किसी में भगवान देखते हैं, हिंदू अहिंसक और उदार होते हैं. हिंदू कहते हैं कि पूरा विश्व उनका परिवार है और उन्हें हमेशा सभी के कल्याण, खुशी और सम्मान के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। हिंदुओं को हिंसक कहना या ये कहना कि वो नफरत फैलाते हैं, ठीक नहीं है. ऐसी बातें कहकर आप पूरे समाज को बदनाम कर रहे हैं.’ हिंदू समाज बहुत उदार है और यह एक ऐसा समाज है जो सभी को शामिल करता है और सभी का सम्मान करता है।

समाज को पहुंची ठेस, संत समाज में आक्रोश

उन्होंने कहा, राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि हिंदू हिंसक हैं और हिंदू नफरत पैदा करते हैं… मैं उनके शब्दों की निंदा करता हूं. उन्हें ये शब्द वापस लेने चाहिए. इससे पूरा समाज आहत हुआ है और संत समाज में आक्रोश है…उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.

 

इस्लाम में अभय मुद्रा का जिक्र नहीं, राहुल ने अपना बयान सुधारा

ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि आज संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि इस्लाम में अभय मुद्रा है. इस्लाम में मूर्तिपूजा का कोई उल्लेख नहीं है और न ही किसी प्रकार की मुद्रा का चलन है। मैं इसका खंडन करता हूं, इस्लाम में अभय मुद्रा का कोई जिक्र नहीं है। मेरा मानना है कि राहुल गांधी को अपना बयान सुधारना चाहिए.

 

किसी भी प्रतीकात्मक मुद्रा को इस्लाम से जोड़ना ठीक नहीं है

दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा, ”हमने विपक्ष के नेता राहुल गांधी का बयान सुना है. उन्होंने ‘अभय मुद्रा’ के चिह्न को इस्लामिक प्रार्थना या इस्लामिक पूजा से जोड़ने की बात कही है. हालाँकि, किसी भी पवित्र ग्रंथ या संतों की शिक्षाओं में ऐसा नहीं है। इस्लाम के दर्शन और आस्था के साथ किसी अन्य प्रतीकात्मक मुद्रा को जोड़ना ठीक नहीं है.

बिना पूरी जानकारी के किसी भी धर्म के बारे में नहीं बोलना चाहिए’

बिहार के गुरुद्वारा पटना साहिब के अध्यक्ष जगजोत सिंह ने कहा कि आज बहुत दुखद दिन है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जिस तरह सदन में धर्मों को लेकर तथ्य पेश किये, मुझे लगता है कि उनके पास सही जानकारी नहीं है. उन्होंने सदन में अधूरी जानकारी, गलत जानकारी पेश की. चाहे सिख धर्म हो, हिंदू धर्म हो या कोई अन्य धर्म, किसी भी धर्म के बारे में तब तक बात नहीं करनी चाहिए जब तक कि उसके बारे में पूरी जानकारी न हो। पूरी जानकारी लेने के बाद ही बोलना चाहिए।

राहुल ने 1984 दंगा पीड़ितों से माफी मांगी

जगजोत सिंह ने कहा, यह बहुत अच्छी बात है कि उन्होंने हिंसा के बारे में बात की, लेकिन शायद उन्हें 1984 में सिखों के खिलाफ हुई हिंसा के बारे में नहीं पता. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि कई पीड़ित परिवार दिल्ली में रह रहे हैं. राहुल गांधी को एक बार उनके पास जाकर माफी मांगनी चाहिए.

 

संसद में राहुल ने ऐसा क्या कह दिया जिससे हंगामा मच गया?

इससे पहले राहुल गांधी ने हिंदू धर्म और भगवान शिव की अभय मुद्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान शिव, गुरु नानक, ईसा मसीह, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने पूरी दुनिया को अभय मुद्रा दी थी. राहुल गांधी के मुताबिक अभय मुद्रा का मतलब है न डरना और न डराना। अपने भाषण के साथ-साथ राहुल ने लोकसभा में भगवान शिव की तस्वीर भी दिखाई. इस पर सत्ता पक्ष की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी राहुल से तस्वीरें नहीं दिखाने को कहा.

 

हस्तक्षेप और व्यवधान से भरे अपने भाषण के दौरान, कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि अभय मुद्रा के माध्यम से, पूरी दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया गया है कि डर और धमकी वर्जित है। उन्होंने इस्लाम का जिक्र करते हुए कहा कि कुरान में साफ कहा गया है कि डराना-धमकाना मना है, लेकिन सत्ता पक्ष के लोग डराने-धमकाने के साथ-साथ हिंसा भी फैलाते हैं.

राहुल के भाषण के बीच में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह मुद्दा बहुत गंभीर है. पूरे हिंदू समाज को हिंसक बताया गया है, जो गलत है. इस पर राहुल ने कहा, ‘हिंदू का मतलब सिर्फ बीजेपी, आरएसएस और पीएम मोदी नहीं है.’ गृह मंत्री शाह ने भी राहुल से माफी की मांग की है.

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