हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर से नहीं हटाए बैरिकेड्स, किसान दायर करेंगे याचिका

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पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था. इसके लिए कोर्ट की ओर से एक हफ्ते का समय दिया गया था, जो बीत चुका है लेकिन शंभू बॉर्डर नहीं खोला गया है. अगर बॉर्डर नहीं खोला गया तो किसान गुरुवार को कोर्ट में मानहानि की याचिका दायर करेंगे.

हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते के अंदर अंबाला के पास शंभू बॉर्डर से बैरिकेड हटाने का आदेश दिया था. इस मामले को लेकर हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है, जहां हाई कोर्ट के आदेशों को चुनौती दी गई है.

 

सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को सुनवाई करेगा

हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को सुनवाई करेगा. मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता लोकेश सिंहल न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ के समक्ष उपस्थित हुए. उन्होंने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की. इस पर पीठ ने मामले की सुनवाई अगले सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दी है.

बैरिकेड तभी हटाए जा सकेंगे जब किसान अपना धरना उठाएंगे

वकील अक्षय अमृतांशु ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के 10 जुलाई के आदेश के खिलाफ अपील दायर की है. राज्य सरकार ने कहा है कि इस मामले से निपटते समय हाई कोर्ट ने अपने हलफनामे पर कोई आदेश जारी नहीं किया है, जिसमें कहा गया था कि बैरिकेड्स तभी हटाए जा सकते हैं जब किसान राष्ट्रीय राजमार्ग से अपना धरना हटा लेंगे.

इसमें कहा गया कि यह विवादित निर्देश तक ही सीमित है कि हरियाणा को एक सप्ताह के भीतर शंभू सीमा खोल देनी चाहिए। हरियाणा सरकार ने अंबाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए थे. ये बैरिकेड्स तब लगाए गए थे जब संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी.

 

 

 

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