हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने दोहराई गौवंश संरक्षण की प्रतिबद्धता

पंचकूला में सड़कों पर नहीं होगा कोई गौवंश – ज्ञानचंद गुप्तागौमाता की सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं-विधानसभा अध्यक्ष
गांव कोट में नंदी शाला का किया जा रहा है निर्माणगुप्ता ने मकर संक्रांति के पावन अवसर पर जिलावासियों और प्रदेशवासियों को दी बधाई एवं शुभकामनाएं
पंचकूला ( अजीत झा ) : हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने आज गौवंश संरक्षण की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि पंचकूला में कोई भी गौवंश सड़कों पर नहीं रहने दिया जाएगा। पंचकूला में नई गउशालाओं का निर्माण किया गया है जहां पर गौवंश की सेवा की जा रही है। इसके अलावा गांव कोट में नंदी शाला का निर्माण भी किया जा रहा है। श्री गुप्ता आज सेक्टर 23 स्थित निफट के सामने घग्गर नदी के साथ स्थापित गौवंश सेवाधाम पंचकूला में मकर संक्रांति के उपलक्षय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गुप्ता ने जिलावासियों और प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति के पावन अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा दिया गया है जिसमें 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है। श्री गुप्ता ने कहा कि उन्होंने संकल्प लिया है कि पंचकूला में कोई भी गौवंश सड़कों पर नहीं रहने दिया जाएगा। पिछले कुछ सालों में पंचकूला में कामधेनु गउशाला, माता मनसा देवी गोधाम, सुखदर्शनपुर में माधव गउशाला सहित अन्य कई गउशालाएं स्थापित की गई हैं जहां बेसहारा गौवंश की सेवा की जा रही है। इसके अलावा गौवंश भक्तों द्वारा भी गौशालाएं चलाई जा रही हैं और प्रदेश सरकार द्वारा उनकी हर संभव सहायता की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पंचकूला में घग्गर नदी पर स्थित गौवन धाम की स्थापना लंपी स्किन बीमारी के समय में की गई। उन्होंने कहा कि गोवन धाम में जिस प्रकार से बेसहारा, बीमार और घायल गायों की सेवा की जा रही है, विशेषकर लंपी स्किन रोग के दौरान जिन गौभक्तों ने गांयों की सेवा की है वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि लंपी स्किन बीमारी से हरियाणा ही नहीं बल्कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और कई राज्यों में गौमाता को शरीर त्यागना पड़ा। उन्होंने लोगों से आहवान किया कि वे गउमाता की सेवा करें और पुन्य के भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि गौमाता की सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं है। गाय का मूत्र विभिन्न बीमारियों के इलाज में कारगर है। इसके अलावा गाय के गोबर से निर्मित विभिन्न पदार्थों का उपयोग घरों में किया जाता है। श्री गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आ