स्कूल टीचरों के डेपुटेशन नियमों पर चंडीगढ़ सख्त
हरियाणा ने जताया एतराज, मीटिंग बुलाई
— रागा न्यूज़, चंड़ीगढ़।
पंजाब-हरियाणा के शिक्षकों की डेपुटेशन के नियमों को लागू करने में चंडीगढ़ की सख्ती पर हरियाणा ने ऐतराज जताया है। यूटी के नियमों के कारण हरियाणा के शिक्षक यूटी में नियुक्ति को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यही कारण है कि अभी तक दोनों राज्यों के कोटे के 254 पद रिक्त पड़े हुए हैं। इन हालातों को देखते हरियाणा की ओर से अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई गई है, जिसमें इस मुद्दे को लेकर मंथन किया अभी चंडीगढ़ के स्कूलों में जाएगा।
पंजाब-हरियाणा के शिक्षकों की नियुक्ति का 20 प्रतिशत कोटा फिक्स है।2022 में किया नियमों में बदलाव 1 अप्रैल 2022 को शिक्षकों की डेपुटेशन को लेकर समय सीमा निर्धारित की गई है। इस नियम के तहत दोनों राज्यों के शिक्षकों को सिर्फ 7 साल तक ही चंडीगढ़ के स्कूलों में तैनाती मिल सकती है। यूटी अब इन नियमों को लेकर सख्त हो गया है, जिस कारण स्कूलों में तैनात शिक्षकों पर वापसी का डर सता रहा है। साथ ही दूसरे शिक्षक भी इस नियम के कारण आने को तैयार नहीं हैं।
4462 पदों में सिर्फ 894 ही पद चंडीगढ़ के स्कूलों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के कुल 4462 पद हैं। पंजाब-हरियाणा के 20 प्रतिशत कोटे के आधार पर 894 पद आवंटित हैं। नए नियमों के कारण अब शिक्षक चंडीगढ़ प्रतिनियुक्ति में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यही कारण है कि 249 पद दोनों राज्यों के कोटे के खाली पड़े हुए हैं।
हरियाणा ये दे रहा तर्क हरियाणा यूटी के नए नियमों के विरोध में है। राज्य का तर्क है कि चंडीगढ़ दूसरे केंद्र शासित राज्यों से अलग है। ऐसे में हरियाणा के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की समय सीमा निर्धारित
करना उचित नहीं है। दोनों राज्यों के कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो पिछले 20 सालों से चंडीगढ़ के स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हरियाणा के पास केंद्र शासित राज्य के इस फैसले का विरोध करने की ठोस वजह है इसको आगामी बैठक में रखा जाएगा।
