सीमावर्ती जिलों में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है

सीसीटीवी कैमरों की मदद से ड्रोन से नजर रखी जाएगी
हथियार और नशे की सही जानकारी देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा
पंजाब पुलिस को अच्छे वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं
चंडीगढ़, 13 जून,
पंजाब के सीमावर्ती जिलों में ड्रोन के जरिए हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए सरकार अब तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरों की मदद लेगी। 20 करोड़ रुपए की लागत से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा।इसके अलावा ड्रोन के जरिए हथियारों और नशे की सटीक जानकारी देने वालों को पंजाब पुलिस एक-एक लाख रुपए देगी। यह फैसला पंजाब पुलिस ने लिया है। यह बात डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने कही आदेश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। पुलिस की कोशिश पंजाब को नशामुक्त बनाने की है।पंजाब की सीमा 557 किमी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से लगती है। इस सीमा के साथ पंजाब के छह जिले हैं: तरनतारन, अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का और फिरोजपुर। इनमें से करीब 27 प्वाइंट्स का इस्तेमाल ड्रोन के जरिए हथियारों और ड्रग्स के लिए किया जाता है
तस्करी के रास्ते बन गए हैं तस्कर यहां के हालात का फायदा उठाते हैं। इस पर नकेल कसने के लिए पंजाब पुलिस और सीमा सुरक्षा बल के आला अधिकारियों की एक अहम बैठक में रणनीति तैयार की गई है। यह भी पता चला है कि अमृतसर, गुरदासपुर और बटाला इलाके इन दिनों हॉट स्पॉट बनते जा रहे हैं, इन्हें रोकने के लिए कार्रवाई की जाएगी.सुखचन सिंह गिल, आईजी मुख्यालय पंजाब पुलिस ने कहा कि ड्रोन के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सीमा क्षेत्र में 20 करोड़ की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। इसके साथ ही पुलिस को नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए अच्छे वाहन मुहैया कराए जा रहे हैं।