सीटीयू ने एसी बसों में बैठी सवारियों से नहीं वसूला टैक्स; आम यात्रियों से की रिकवरी कैग ने पकड़ी सीटीयू की चालाकी

रागा न्यूज़, चंड़ीगढ़।
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (CTU) की AC बसों में जिन पैसेंजर्स ने सफर भी नहीं किया, उनसे ट्रांसपोर्ट विभाग (बस कंडक्टर) ने बढ़ा हुआ ने किराया वसूला। यह किराया एसी बसों में बैठने से वसूला जाना था। यह सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि सीटीयू उन पैसेंजर्स से टैक्स वसूलने में नाकाम रही जिन्होंने एसी बसों में सफर किया था। अपनी इसी नाकामी को छिपाने के लिए
सीटीयू ने सारा बोझ उन पैसेंजर्स पर डाल दिया था जिन्होंने एसी बसों की सुविधा भी नहीं ली थी।
यह जानकारी कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की रिपोर्ट में सामने आया है। वर्ष 2017 से 2020 के बीच के रिकार्ड के ऑडिट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि CTU AC बसों में 6 प्रतिशत का सर्विस टैक्स वसूलने में नाकाम रही। यह लगभग 6 करोड़ रुपए की राशि बनती है। अपनी नाकामयाबी पर पहले CTU ने सरकारी खजाने से यह रकम भरी मगर बाद में पैसेंजर्स का किराया बढ़ा दिया और रकम वसूली ।
5.89 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से भरे
CTU को 6 AC बसों पर 6 प्रतिशत का सर्विस टैक्स 1 जून, 2016 से 30 जून, 2017 तक लगाना था। वहीं सेवाओं पर GST 1 जुलाई, 2017 से 5 प्रतिशत वसूला जाना था। संबंधित टैक्स अधिनियम लागू करने और AC बसों में बैठने वाले पैसेंजर्स से यह सर्विस टैक्स/ GST वसूलने में नाकाम होने पर 5.89 करोड़ रुपए के सरकारी राजकोष का नुकसान हुआ। ट्रांसपोर्ट विभाग सर्विस टैक्स और GST वसूलने की वैधानिक आवश्यकता को लागू नहीं कर पाया। वहीं सरकारी खजाने से यह रकम भरी।
कार्रवाई को CAG ने गलत बताया वहीं CAG की रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि विभाग ने कि 5.53 करोड़ रुपए का सर्विस टैक्स भरा गया था जो 16 जनवरी, 2020 से पैसेंजर्स से वसूला गया। इसके लिए बस का किराया बढ़ाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग की यह कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है क्योंकि इस कार्रवाई में उन पैसेंजर्स पर भी टैक्स का बोझ पाया गया जिन्होंने AC बसों में सफर किया ही नहीं था। वहीं पिछले सालों का टैक्स वसूला गया जिन्होंने संबंधित सेवा का लाभ लिया ही नहीं था।