सरकारी नौकरी बाले को ही पेंशन क्यों ? सब बेरोजगार को भी मिले पेंशन ?

0

क्या बाकी जनता सिर्फ टैक्स का बोझ उठाने को ही है..?

60 वर्ष के उपरांत सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले अधिकांश लोग रिटायरमेंट से लेते हैं. या सेवानिवृत कर दिया जाता है।

ऐसे में सबकी चिंता होती है कि बुढ़ापा कैसे कटेगा…? वह समय जब शरीर कुछ निर्बल हो जाता है।
बिमारियों का अधिक खतरा रहता है तब इंसान अधिक नहीं कमा पाता, ऐसे में सबको उन दिनों
की चिंता रहती है।

हर वह व्यक्ति ने किसी न किसी रूप में राज्य और देश की विकास में भागीदारी सुनिश्चित करके काम किया है। चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या निजी क्षेत्र रा कर्मचारी, चाहे वह व्यापारी हो, या मिस्त्री, मजदूर या किसान हर व्यक्ति की समान रूप से भागीदारी होती है।
ऐसे में देश या राज्य की संपत्ति पर भी सबका बराबर का अधिकार होता है बुढ़ापा सही से करें,

इसके लिए सरकार को मुफ्त स्वास्थ्य का विकल्प लाना चाहिए. हर व्यक्ति को 60 वर्ष के बाद, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए, ताकि उसकी यह चिंता समाप्त हो सके। कुछ राज्यों ने दोबारा सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का झुनझुना देना शुरू कर दिया है।
मगर बाकी की 80 / 85 जनता का क्या..? क्या बाकी जनता सिर्फ टैक्स देने के लिए ही है।

जब सबकी भागीदारी समान रूप से है तब पेंशन भी सबको होनी चाहिए किसी को इसलिए पेंशन नहीं दी जानी चाहिए कि वह सरकारी क्षेत्र में नौकरी कर के आया है। ऐसा करने से सरकारी नौकरियों को पाने में भ्रष्टाचार बढ़ेगा। लोग नौकरी पाने के लिए लाखों रूकी रिश्वत देने की कोशिश करेंगे।

महज 15% सरकारी कर्मचारियों और उनके परिजनों को खुश करने के लिए बाकी की 85 फीसदी जनता से अन्याय नहीं होना चाहिए। विधायक, सांसदों को भी बराबर ही रखा जाना चाहिए.
लीडर वो है जो सभी किसान, बेरोजगारों के बारे में सोचे न की सिर्फ़ सरकारी कर्मचारियों के बारे में ,
धन्यवाद !

राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी बालिका एवं महिला प्रकोष्ठ
:मंजू कुमारी

RAGA NEWS ZONE Join Channel Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबर