समेज में तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 2 दिन बाद भी 36 लोगों का नहीं मिला कोई सुराग, ग्रामीणों ने सीएम से उठाई ये मांग
शिमला जिले के रामपुर के तहत आने वाले समेज में 31 जुलाई की रात को आई त्रासदी को आज तीन दिन हो गए हैं. समेज गांव में आई बाढ़ ने पूरे गांव को तबाह कर दिया. गांव में रहने वाले 36 लोगों को बाढ़ अपने साथ बहा कर ले गई. जिला प्रशासन द्वारा 1 अगस्त से ही समेज में लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू एंड सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक इन लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है. जिला प्रशासन द्वारा लापता 36 लोगों में 18 महिलाएं, 8 बच्चे और 10 पुरुष बताए जा रहे हैं.
आज तीसरे दिन भी घटनास्थल पर रेस्क्यू एंड सर्च ऑपरेशन जारी है. वहीं, ग्रामीणों का सब्र भी अब टूट रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से रेस्क्यू में और मशीनें लगाने की मांग की है. ग्रामीणों ने बताया कि एक अगस्त वीरवार से एक मशीन लगाई गई है. अभी तक वो सिर्फ रास्ता ही बना पाई है. ऐसे में उन्होंने दो-तीन और मशीनों को मौके पर तैनात करने की मांग की है.
हालांकि समेज गांव में घटनास्थल पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ आईटीबीपी और रामपुर पुलिस, होमगार्ड की टीमें आदी भी लगातार सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. बावजूद इसके ग्रामीणों का कहना है कि ज्यादा मशीनें लगाने से मलबा जल्द हटाया जा सकता है और अगर कोई मलबे में दबा हुआ तो उसे बाहर निकाला जा सकता है. इसलिए ग्रामीणों ने यहां पर दो-तीन और मशीनें लगाने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि हादसे को दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक 36 लापता लोगों में से किसी का भी पता नहीं चल पाया है.
गौरतलब है कि 31 जुलाई को बुधवार रात को भारी बारिश होने और बादल फटने के चलते समेज गांव बाढ़ की चपेट में आ गया और यहां 36 लोग पानी के तेज बहाव में बह गए. जिनके बारे में कुछ पता चल पाने की आस लिए परिजन और रिश्तेदार रोज घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं. ऐसे में प्रशासन द्वारा यहां पर सभी के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. फौरी राहत के तौर पर सभी को कंबल इत्यादी मुहैया करवाए गए हैं. प्रभावितों के परिवारों को भी सरकार की ओर से राहत राशि दी गई है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौके पर पहुंचे और हालातों का जायजा लिया. इस मौके पर सीएम ने प्रभावित परिवारों के साथ मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया.