श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान को ठेस पहुंचाने के कृत्य के प्रति गंभीरता दिखाएं जत्थेदार : प्रो. सरचंद सिंह
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रागा न्यूज़, अमृतसर।
भाजपा के सिख नेता एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सलाहकार प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से अजनाला में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटना को गंभीरता से लेने की अपील की है।
जत्थेदार ज्ञान हरप्रीत सिंह को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि पंथ ने लाखों मोर्चे और जुलूस निकाले हैं, लेकिन यह पहली बार है कि कोई अपनी व्यक्तिगत और स्वार्थ की लड़ाई में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को थाने के सामने धरना-प्रदर्शन में लाया है, क्या यह बेअदबी नहीं है? उन्होंने कहा कि कुछ लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और सिख युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। अजनाला में जो हुआ वह हुल्लड़बाजी थी, गुरसिखों का काम नहीं। बड़े आश्चर्य की बात यह है कि केवल अपने को पंथक कहने वालों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब को नशीले पदार्थों और शराब से भरपूर थाने के प्रांगण में ले जाकर घोर अनादर दिखाया।
प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को रोकने में सरकार की नाकामी पर कहा कि इस घटना ने पंजाब की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है, यह पंजाब का दुर्भाग्य है कि आज पंजाब कायर नेतृत्व के हाथ में है। जहां कोई भी कानून को अपने हाथ में ले सकता है। अजनाले की घटना से राज में काले दिनों की आहट फिर से सुनाई दी है, लोग सहमे हुए हैं। पंजाब सरकार और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार किसी व्यक्ति विशेष के सार्वजनिक प्रदर्शन के आगे इतने झुके हुए हैं कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी इंसान को मार भी सकते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब और पालकी साहिब की भी दुरूपयोग कर सकते हैं? यदि आज इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया तो कल कोई भी तथाकथित कुपंथी और राजनीतिक व्यक्ति इस तरह के घिनौने कृत्य को दोहरा सकता है।
प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने कहा कि सिख कौम के सरोकारों के लिए गुरुद्वारा साहिब से गुरुद्वारा साहिब तक नगर कीर्तन और व्हीर को किसी भी गुरुद्वारे में सजाया जाता है, न कि गुरु ग्रंथ साहिब को पुलिस थानों को घेरने के लिए ढाल के रूप में लिया जाता है। प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने कहा कि अजनाले की घटना ने सिखों की छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उक्त घटना को लेकर शिरोमणि कमेटी व शिरोमणि अकाली दल बादल की चुप्पी पर खेद जताते हुए उन बेशर्म लोगों की आज की गुंडागर्दी व असैद्धांतिक व्यवहार को रोकने के लिए सिख जत्थेबंदियों ओर सिख संस्थाओं को आगे आने की अपील की। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर इस घटना को नहीं रोका गया तो कल कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत लड़ाई में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को कहीं भी ढाल बनाकर ले जा सकता है।