विश्व जल दिवस पर मुख्यमंत्री ने जारी की हरियाणा की गतिशील भू-जल संसाधन क्षमता रिपोर्ट समुचित जल सरंक्षण समय की जरूरत और भावी पीढ़ियों के लिए आवश्यक- मुख्यमंत्री

0

चंडीगढ़ – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज विश्व जल दिवस के अवसर पर केंद्रीय भूजल बोर्ड, उत्तर पश्चिम क्षेत्र चंडीगढ़, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग हरियाणा की भू-जल प्रकोष्ठ द्वारा संयुक्त रूप से 31 मार्च, 2022 तक तैयार की गई हरियाणा की गतिशील भू-जल संसाधन क्षमता रिपोर्ट भी जारी की।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2080 के अवसर पर प्रदेश के लोगों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं दी है। इसके साथ ही चैत्र नवरात्रों की भी बधाई देते हुए कहा कि नववर्ष प्रदेश के लोगों में सुख समृद्धि लेकर आए व प्रदेश में शांति एवं भाईचारा बना रहे।

मुख्यमंत्री ने विश्व जल दिवस के अवसर पर भी प्रदेश के लोगों को संदेश देते हुए जल संरक्षण की महत्वत्ता एवं इसके उपयोग की उचित व्यवस्था अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने जल संरक्षण में लगे सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग व अन्य हितधारकों को भी बधाई देते हुए कहा कि जल संरक्षण आने वाले समय की आवश्यकता है तथा हर स्तर पर जल का समुचित उपयोग करने पर अभी से बल देना होगा तभी हम भावी पीढ़ी के लिए जल बचा सकेंगे।

मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि रिपोर्ट में 141 ब्लॉक और गुरुग्राम और फरीदाबाद के दो शहरी क्षेत्रों जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है का आंकलन किया गया है । हरियाणा सरकार के प्रयासों से भूगर्भ जल संसाधन आकलन, 2022 के अनुसार भूजल के विकास के स्तर में सुधार हुआ है। वर्ष 2020 के दौरान प्रदेश में औसतन भू-जल दोहन का स्तर 134.56 प्रतिशत था, जो 2022 के दौरान कम होकर 134.14 प्रतिशत तक पहुंच गया है। रिपोर्ट केन्द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा विकसित इन-जीआरईएस सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार की गई है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, गृह एवं जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री टीवीएसएन प्रसाद, हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्ष श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) श्री देवेंद्र सिंह, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री पंकज अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

क्रमांक-2023
सत्यव्रत/कमल

पशुशल्य चिकित्सक भर्ती परीक्षा में गलत प्रश्नों के लिए एचपीएससी जिम्मेदार नहीं- मुख्यमंत्री

प्रश्न सेट करने वाले व्यक्ति या एजेंसी बाहर की होती है- मनोहर लाल

मामला अभी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में विचाराधीन, न्यायालय का जो भी निर्णय आएगा, वो मान्य होगा

चंडीगढ़, 22 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि पशुशल्य चिकित्सक की भर्ती से संबंधित हुई लिखित परीक्षा में जो गलत प्रश्न आए, उसके लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग को जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता है। क्योंकि प्रश्न सेट करने वाले व्यक्ति या एजेंसी बाहर की होती है। इससे संबंधित मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अभी विचाराधीन है। न्यायालय का जो भी निर्णय आएगा, वो मान्य होगा।

मुख्यमंत्री आज विधानसभा में बजट सत्र में प्रश्न काल के दौरान बोल रहे थे।

उन्होंने स्पष्ट किया कि पशुशल्य चिकित्सक की भर्ती विज्ञापन संख्या-41/2022 से संबंधित मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में है। इसलिए इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती है।

मनोहर लाल ने कहा कि इस भर्ती से संबंधित मामला 9 फरवरी, 2023 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में लगा था। इसमें एचपीएससी को एफिडेविट न्यायालय में प्रस्तुत करना है। एचपीएससी एक स्वायत्त संस्था है, इसलिए आयोग को गलत प्रश्नों के लिए जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता है।

सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन प्राथमिकता आधार पर देगी सरकार – मुख्यमंत्री

प्रदेश में भू-जल लगातार नीचे जा रहा है, इसलिए सभी को ओपन ट्यूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं- मनोहर लाल

प्रदेश में 6 लाख टयूबवेल चल रहे, सरकार किसानों को दे रही लगभग 6 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी – मुख्यमंत्री

चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और उपलब्ध पानी के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को टयूबवेल कनेक्शन प्राथमिकता आधार पर देगी। सभी को ओपन टयूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं, क्योंकि अधिकांश क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है।

मुख्यमंत्री आज विधानसभा में बजट सत्र में प्रश्न काल के दौरान बोल रहे थे।

मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2018 में आवेदन किए हुए टयूबवेल कनेक्शनों में से 4412 कनेक्शन बकाया है, इन कनेक्शनों को तुरंत दिया जाएगा। वर्ष 2023-24 में इन कनेक्शनों से अगले कनेक्शनों को देने के लिए डिमांड नोट जारी किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ट्यूबवेल कनेक्शन देने की प्रक्रिया को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत लाना संभव नहीं है। क्योंकि ट्यूबवेल कनेक्शन में तीन घटक होते हैं, पहला प्राकृतिक, दूसरा पानी की उपलब्धता और तीसरा बजट।

उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है, वहां ट्यूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं है। केवल सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को कनेक्शन दिए जाएंगे। 50 एचपी से अधिक के कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। 10 एचपी तक के लिए सोलर कनेक्शन दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 1 टयूबवेल कनेक्शन पर सरकार की ओर से 1 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है। प्रदेश में 6 लाख टयूबवेल विधिवत चल रहे हैं और सरकार किसानों को लगभग 6 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी सरकार दे रही है।

RAGA NEWS ZONE Join Channel Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबर