विभिन्न देशों के फाइनेंशियल मुद्दों पर होगी जी 20 मीटिंग में चर्चा

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इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर वर्किंग ग्रुप की होने जा रही सिटी ब्यूटीफुल में दो दिवसीय मीटिंग

चंडीगढ़, शहर में सोमवार से जी 20 देशों के पहले इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर वर्किंग ग्रुप की होने जा रही दो दिवसीय मीटिंग की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। विभिन्न देशों से आए डेलीगेट्स जिस भी रास्ते से गुजरेंगे वहां प्रशासन की और से न केवल सजावट की गई है बल्कि बड़े बड़े होर्डिंग भी लगाए गए हैं। पुलिस भी आईटी पार्क के होटल ललित में होने जा रहे समारोह के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। चंडीगढ़ प्रशासन दो दिन मेहमानों की खातिर करेगा। पहले इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर वर्किंग ग्रुप की मीटिंग के दौरान महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों के अलावा एशियन देशों के आर्थिक पहलुओं समेत अन्य जुड़े विषयों पर बातचीत होगी। बता दें कि इस मर्तबा भारत को जी 20 मीटिंग की मेजबानी मिली है। मीटिंग में 19 जी 20 देश व यूरोपियन यूनियन के देश भी भाग ले रहे हैं। समिट के दौरान इंडोनेशिया से भारत ने इसकी प्रेसीडेंसी ली है। मीटिंग के दौरान ग्रुप ग्लोबल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर को प्रभावित करने वाले विषयों पर फोकस रखेगा। महामारी के दौरान क्राइसिस रिस्पॉन्स सिस्टम को लेकर बातचीत होगी। ऐसी स्थिति में गरीब देशों की कैसे मदद की जाए, इस पर भी चर्चा होगी और एक नीति बनेगी।

रविवार को मीटिंग को लेकर हुई पत्रकार वार्ता के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्रालय की इकोनॉमिक एडवाइजर अनु मथाई ने बताया की जी 20 देशों के 100 से डेलीगेट्स मौजूद रहेंगे। कई इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन जैसे इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड, वर्ल्ड बैंक इत्यादि के प्रतिनिधि और अन्य देशों से आमंत्रित देशों के डेलीगेट्स इसमें पहुंचेंगे। इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य इंटरनेशनल फाइनेंशियल स्ट्रक्चर की स्टेबिलिटी को बढ़ावा देना,

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जैसे मुद्दों पर एकराय बनाना रहेगा। अनु मथाई ने बताया की जी 20 के आठ फ्रेम वर्किंग ग्रुप हैं। आर्थिक मसलों में माइक्रो इकोनॉमिक इश्यू, इंक्लूसिव ग्रोथ जैसे मसले रहेंगे। अनु मथाई ने कहा की फाइनेंशियल साइबर क्राइम एक आर्थिक विषय है लेकिन यह दूसरे वर्किंग ग्रुप का मुद्दा रहेगा। उन्होंने बताया कि ग्लोबल फाइनेंशियल सेफ्टी नेट भी एक विषय है। अनु मथाई ने बताया कि जी 20 के आठ ग्रुप हैं जिसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप है जो इन्फ्रास्ट्रक्चर के फाइनेंस को लेकर काम करता है। हेल्थ एंड फाइनेंस ग्रुप महामारी के दौरान देशों को वित्तीय मदद प्रदान करता है।

टैक्स के अलावा फाइनेंशियल सेक्टर के इश्यू देखे जाते हैं। डायरेक्टर परवीन कुमार ने बताया कि जी 20 देशों या इससे जुड़े देशों में दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी है। दुनिया की कुल जीडीपी का 85 प्रतिशत इन्हीं देशों से आता है। महामारी के दौरान आर्थिक संकट व मौद्रिक तरलता बढ़ाने जैसे मुद्दे आम आदमी से जुड़े हुए हैं। कम आय वाले देशों की इनकम कैसे बढ़े, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के विषयों पर क्या काम हो, इस पर चर्चा होगी। ऋणग्रस्त देशों के ऋण की रिपेमेंट, उसे रिस्ट्रक्चर करने पर फैसले होंगे।

मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी बी पुरुषार्थ ने बताया की लोकल लोगों से जुड़ाव की कोशिश भी ऐसे समारोह के जरिए रहती है। भारत के इतिहास, विरासत, खानपान, सांस्कृतिक उपलब्धियों का परिचय देना भी मकसद है ताकि विविध भारत की जानकारी मिल सके। इसी पहलू को मद्देनजर रखते हुए रविवार को पोलो मैच व सोमवार को सुखना पर प्रोग्राम और रॉक गार्डन में डेलीगेट्स को ले जाने का कार्यक्रम रखा गया है। उत्तर भारत की परंपरा और गौरवशाली इतिहास को दिखाने के लिए डेलीगेट्स को विरासते खालसा भी ले जाया जाएगा।

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