लाइलाज मोटापे का ये है कारगर इलाज डॉ राजन मित्तल

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रागा न्यूज़, चंड़ीगढ़।

सच है कि 21वीं सदी में मोटापा महामारी की तरह फैलता जा रहा है और अब भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के शहरी क्षेत्रों की कुल आबादी के लगभग तीन करोड़ लोग ‘ओबीज की श्रेणी में आ गए हैं। अत: यही समय है कि लोगों में इसके बारे में जागरूकता पैदा की जाए ताकि मोटापे से होने वाली गंभीर बीमारियों से बचा जा सके।

 

गौरतलब बात यह है कि बड़ों के साथ-साथ बच्चे और किशोर भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। मोटापे को कम करने में वेट लॉस सर्जरी की लेटेस्ट तकनीक एंडोस्कपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी कितनी कारगर सिद्ध होती है। इसकी जरूरत कब पड़ती है और सर्जरी करने की क्या प्रक्रिया है, इस पर आयोजित हो रही है दो दिन की सेकंड इंटरनेशनल इंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी की मास्टरक्लास , ब्राजील से एक्सपर्ट और भारत भर से जुटेंगे गैस्ट्रो सर्जन । डॉ राजन मित्तल व डॉ एस पी एस बेदी इंडस अस्पताल में इसका आयोजन करवा रहे हैं ,

 

 

उन्होंने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में ब्राजीलियन सोसायटी डाइजेस्टिव एंडोस्कोपी के डॉक्टर एडुराडो ग्रीको व डॉ थियागो डिसूजा के संग पत्रकारों से रूबरू हो बताया कि एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी की मास्टरक्लास में देश भर से गैस्ट्रो एक्सपर्ट लाइव ट्रेनिंग के लिए आये हैं । एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी मोटापे के लिए की जाने वाली बेरियाट्रिक सर्जरी का नान सर्जिकल विकल्प है ।

क्या है एंडोस्कपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी

डॉ. राजन मित्तल व् डॉ एस पी एस बेदी ने जानकारी दी की यह एडवांस तकनीक इस क्षेत्र में सिर्फ इंडस अस्पताल में ही उपलब्ध है मोटापा एक लिमिट के बाद गंभीर बीमारियों को जन्म देता है और इसके लिए वेट लॉस सर्जरी की लेटेस्ट तकनीक यानी एंडोस्कपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी इससे निजात दिलाती है इसके लिए जब मरीज आता है तो पहले उसकी काउंसलिंग की जाती है। क्योंकि कई बार घर वालों के दबाव में लोग आ जाते हैं पर न ही डॉक्टर को सहयोग करते हैं और न ही सर्जरी के बाद की गाइडलाइन्स को।

 

इसके साथ यह भी देखा जाता है कि डाइट एक्सरसाइज व औषधीय इलाज से उसका मोटापा कम हो सकता है या नहीं। हालांकि सभी तरीके अपनाने के बाद भी जब मोटापा नहीं घटता है तभी कोई आता है। बेरिएट्रिक सर्जरी से मरीज का वजन तो घटता ही है, साथ ही कई बीमारियों से भी राहत मिल जाती है।

 

सर्जरी के लिए बॉडी मॉस इंडेक्स देखा जाता है। भारत में बॉडी मॉस इंडेक्स 32 या 35 से अधिक हो तथा इसके साथ डायबिटीज या अन्य कोई बीमारी हो अथवा न भी हो तो भी व्यक्ति की सर्जरी जरूरी हो जाती है।

मोबाइल में बीएमआई की एप में अपना वजन व हाईट सेंटीमीटर में डालें, तुरंत बीएमआई पता लग जाएगा। इसके अलावा आपका वजन कितना ज्यादा है, इसको देखने का एक सरल तरीका है, अपना वजन किलो में नोट करें व हाइट सेंटीमीटर में। हाइट में से 100 घटा दीजिए तो आपको पता चल जाएगा कि आपका वजन कितना ज्यादा है।
उदाहरण के लिए यदि वजन 64 किलो है और हाइट 155 सेंटीमीटर तो सौ घटाने पर आपका आइडियल वजन 55 होना चाहिए।

 

शरीर में वजन बढऩे के साथ-साथ वसा का जमाव स्त्री-पुरुष में अलग-अलग जगहों पर होता है। जैसे पुरुषों में मुख्यत: छाती व पेट में और औरतों में जांघों व कमर के नीचे के भागों में। इसमें कोई शक नहीं कि मोटापा बढऩे के साथ-साथ कई बीमारियां भी हो जाती हैं जैसे डायबिटीज, हाई बीपी, हृदय रोग, जोड़ों की समस्याएं, लकवा आदि।

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