राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म, ‘मोदी सरनेम’ केस में 2 साल की सजा के बाद एक और झटका
नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा से अयोग्य घोषित किया गया है. लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी आदेश में यह जानकारी दी गई है. आदेश के मुताबिक, सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल के वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य पाए जाते हैं.
दरअसल, सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद से ही राहुल गांधी पर लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने का खतरा मंडराने लगा था.
गौरतलब है कि जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार, दो साल या उससे अधिक समय के लिए कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति को ‘दोषसिद्धि की तारीख से’ अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह सजा पूरी होने के बाद जनप्रतिनिधि बनने के लिए छह साल तक अयोग्य रहेगा. लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अपीलीय अदालत राहुल गांधी की दोष सिद्धि और दो साल की सजा को निलंबित कर देती है, तो वह लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य नहीं होंगे.
‘सजा का ऐलान होने के साथ ही अयोग्यता प्रभावी हो जाती है’
लोकसभा के पूर्व महासचिव व संविधान विशेषज्ञ पी. डी. टी. आचारी ने कहा कि सजा का ऐलान होने के साथ ही अयोग्यता प्रभावी हो जाती है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपील करने के लिए स्वतंत्र हैं और अगर अपीलीय अदालत दोष सिद्धि और सजा पर रोक लगा देती है, तो अयोग्यता भी निलंबित हो जाएगी. आचारी ने कहा, ‘(अगर वह अयोग्य घोषित कर दिए गए तो) अयोग्यता आठ साल की अवधि के लिए होगी.’ उन्होंने कहा कि अयोग्य घोषित किया गया व्यक्ति न तो चुनाव लड़ सकता है और न ही उस समयावधि में मतदान कर सकता है.
जज ने लगाई थी सजा के अमल पर 30 दिन की रोक
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा की अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि और उसकी सजा से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 के तहत दोषी करार देकर सजा सुनाने के बाद उन्हें जमानत देते हुए उनकी सजा के अमल पर 30 दिन की रोक लगा दी थी, ताकि कांग्रेस नेता उसके फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें.