राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने की श्री श्याम गौरक्षा दल मैमोरियल ट्रस्ट में शैड निर्माण के लिए 7 लाख रूपये देने की घोषणा
भगवान श्री कृष्ण की मुखवाणी है श्रीमद् भगवद् गीता रू राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल
– राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने की श्री श्याम गौरक्षा दल मैमोरियल ट्रस्ट में शैड निर्माण के लिए 7 लाख रूपये देने की घोषणा
सिरसा, 18 मार्च।
उड़ीसा के महामहिम राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने शुक्रवार को देर सांय स्थानीय डबवाली रोड पर स्थित श्री श्याम गौरक्षा दल मेमोरियल ट्रस्ट में चल रही संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की। इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल ने गौशाला के शेड निर्माण के लिए 7 लाख रुपये देने की घोषणा की। युवा भाजपा नेता मनीष सिंगला ने श्री श्याम बाबा का भजन भी गाकर भगवान की महिमा का गुणगान किया।
महामहिम राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा विश्व में सभी कथाओं में श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है, वह आयोजन स्थल तीर्थ स्थल कहलाता है। इसको सुनने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई दूसरा अन्य भी इसे गलती से भी श्रवण कर लेता है, तो भी वो कई पापों से मुक्ति पा लेता है। उन्होंने कहा कि ये कथा भगवान श्री कृष्ण के मुख की वाणी है, इसके सुनने के प्रभाव से मनुष्य बुराई त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ साथ मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।
ये रहे मौजूद
समाजसेवी मनीष सिंगला, ओएसडी इंद्रजीत खुराणा, निजी सचिव विनोद स्वामी, गौरव जिंदल, नवदीप गर्ग, अमन गर्ग, दिनेश बागडिया, प्रधान कमल सोनी, ट्रस्टी ओम प्रकाश नोखवाला, द्वारका प्रसाद सैनी, अंशुल झुथरा, शीशपाल सैनी आदि मौजूद थे।
उड़ीसा के राज्यपाल महामहिम प्रो. गणेशी लाल ने सालासर मंदिर में की पूजा-अर्चना
उड़ीसा के राज्यपाल महामहिम प्रो. गणेशी लाल ने गत रात्रि सिरसा में सालासर मंदिर में पूजा-अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद लिया। महामहिम ने विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना की। महामहिम राज्यपाल ने कहा कि भगवान का आशीर्वाद व कृपा व्यक्ति को हमेशा जीवन में सेवा भाव के साथ आगे बढने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि भगवान की पूजा-पाठ व प्रार्थना हमारे अंदर प्रेम, करूणा, दया व सेवा भाव को जागृत करती है। ईश्वरीय मार्ग ही श्रेष्ठ मार्ग है, जिस पर चलते हुए इंसान को अपने मात-पिता, बुजुर्गों व जरूरतमंद लोगों की सेवा करनी चाहिए। सेवाभाव ही व्यक्ति को वास्तविक सुख देता है।