राजोआना की बहन द्वारा SGPC के माध्यम से केंद्र के पास लंबे समय से लंबित आजीवन कारावास की अर्जी को वापस लेने की अपील

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अमृतसर, 

भाई बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप सिंह राजोआना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब से अपील की। इस अपील में भाई राजोआणा ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को एसजीपीसी के माध्यम से आदेश जारी कर उम्रकैद की अर्जी वापस लेने की मांग की है, जो लंबे समय से केंद्र सरकार के पास लंबित है.

 

भाई राजोआणा ने कहा कि 6 जून घल्लूघरा दिवस पर जत्थेदार साहिबों द्वारा शांडे समाज को दिए गए नाम पर उन्होंने कहा, “हमें सरकारों से न्याय मांगने की जरूरत नहीं है.” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाई राजोआना ने कहा कि अब अगर हम सिर्फ सरकारों से न्याय नहीं मांग रहे हैं तो यह बहुत जरूरी है कि कहीं भी न्याय की अपील न की जाए. इसलिए वो जत्थेदार साहिब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति से आग्रह किया गया है कि 2012 से केंद्र के पास लंबित आवेदन को वापस लेने का आदेश जारी किया जाए, क्योंकि जत्थेदार साहब का कहना है कि सरकारों से न्याय मांगने की जरूरत नहीं है.

 

मार्च 2012 में श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा राजोआना जी की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की अपील पिछले 12 वर्षों से केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास लंबित है। केंद्र सरकार की इस अपील पर पिछले 12 साल से कोई फैसला नहीं हो रहा है. 2019 में गुरु नानक पातशाह जी की 550वीं जयंती पर राजोआना की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को भी लागू नहीं किया गया।

 

भाई राजोआना के मामले में आखिर में सुप्रीम कोर्ट भी बेबस हो गया और केंद्र सरकार से कहा कि जब आपको सही लगे तब फैसला ले। भाई बलवंत सिंह राजोआना ने भी अपने पोस्ट में कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति की नियुक्ति की है. 12 साल तक अपील का फैसला नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए हम 5 जून को श्री अकाल तख्त साहिब जी के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी से मिले और उन्होंने इस संबंध में प्रयास करने का आश्वासन भी दिया.

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