साल 2022 खत्म होने के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा किए गए ‘अधूरे वादों’ का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा, “नया साल आने में जब कुछ ही घंटे बचे हैं, समय आ गया है कि देश भाजपा सरकार द्वारा किए गए वादों पर फिर से विचार करे और यह कैसे उन्हें पूरा करने में विफल रहा, जिसमें 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का वादा भी शामिल है, जो अभी भी मायावी बनी हुई है तापसे ने कहा कि 2022 के लिए वादा किए गए 10 प्रतिशत के मुकाबले देश की जीडीपी 6.5 प्रतिशत है, किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है और न ही 100 प्रतिशत सिंचाई लक्ष्य हासिल किए गए हैं, जैसा कि पीएम ने आश्वासन दिया था। तापसे ने सवाल किया, “2022 में सभी के लिए घर के वादे के बारे में क्या कहना है? कुपोषण उन्मूलन, सातों दिन 24 घंटे बिजली, सभी ग्राम पंचायतों के लिए 100 प्रतिशत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, सभी के लिए डिजिटल साक्षरता और अन्य दावों के बारे में सरकार का क्या कहना है?” उन्होंने कहा, जब भाजपा सरकार ने बड़े कर्जदारों या घोटालेबाजों के 10 लाख करोड़ रुपये के बैंक ऋण को माफ कर दिया है, यह लाभ गरीब किसानों और छोटे व्यापारियों तक नहीं पहुंचाया गया, जबकि नॉन-कोलैटरल क्रेडिट के लिए एसएमई योजनाएं केवल कागज पर बनी हुई हैं, क्योंकि बैंक इसे अमल में लाने से इनकार करते हैं। तापसे ने कहा कि जहां रुपया गिर रहा है और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82 रुपये के पार जा रहा है, वहीं पिछले आठ वर्षो के भाजपा शासन के तहत केंद्र सरकार की उधारी 80 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।