रणजीत हत्याकांड में राम रहीम बरी, CBI कोर्ट के उम्रकैद के फैसले को HC ने रद्द किया

सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने डेरे के पूर्व मैनेजर रणजीत हत्याकांड मामले में सीबीआई कोर्ट (CBI Court) के फैसले को रद्द करते हुए राम रहीम सहित 5 लोगों को बरी कर दिया है. इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के पूर्व मैनेजर रणजीत की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस माामले में डेरा प्रबंधन को संदेह था कि साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी रणजीत सिंह ने ही अपनी बहन से लिखवाई थी. इस मामले में शुरुआती जांच में राम रहीम का नाम भी नहीं आया. बाद में पुलिस की जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मामले की CBI जांच की मांग की थी.
रणजीत सिंह के बेटे की मांग पर इस मामले की CBI जांच शुरू हुई. शुरुआत में इसमें राम रहीम का नाम शामिल नहीं था. साल 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान को आधार मानकर आरोपियों में राम रहीम का नाम भी शामिल किया गया. इस मामले में कोर्ट ने साल 2007 में आरोप तय किए. 19 साल के लंबे इंतजार के बाद अक्टूबर 2021 में राम रहीम सहित 5 लोगों को इस मामले में दोषी मानते हुए सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने उम्रकैद की सजा सुनाई.
रणजीत सिंह हत्याकांड के 22 साल बाद हाई कोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द करते हुए राम रहीम सहित सभी 5 दोषियों को इस मामले में बरी कर दिया है. हालांकि, इसके बाद भी राम रहीम जेल में ही रहेगा.साध्वियों के यौन शोषण मामले में राम रहीम को 20 साल और छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. फिलहाल, राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है.