‘ये पंजाब की संस्कृति नहीं…’ हाईकोर्ट ने किसानों, पंजाब-हरियाणा को भी दी चेतावनी

किसान आंदोलन को लेकर आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि पूरे मामले में दोनों राज्य अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाने में नाकाम रहे हैं. सुनवाई के दौरान जब हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें दिखाईं तो कोर्ट का रुख सख्त हो गया.
फोटो देखने के बाद हाईकोर्ट ने किसान आंदोलनकारियों पर बड़ी टिप्पणी की. हाई कोर्ट ने कहा, यह शर्म की बात है कि आप लोग बच्चों को आगे रख रहे हैं, आप कैसे माता-पिता हैं। कोर्ट ने कहा, ओट में बच्चे प्रदर्शन कर रहे हैं और वो भी हथियारों के साथ, आपके लोगों को वहां खड़े होने का भी अधिकार नहीं है.
‘यह पंजाब की संस्कृति नहीं है…’
हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आप वहां युद्ध शुरू करने जा रहे हैं, यह पंजाब की संस्कृति नहीं है. कोर्ट ने निर्दोष लोगों की पीट-पीट कर हत्या को शर्मनाक बताया और हाथ में तलवार लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को खारिज कर दिया.
किसान की मौत की जांच कराई जाएगी
हाईकोर्ट ने मृतक किसान शुभकरण की मौत की जांच हाईकोर्ट के रिटायर जज के नेतृत्व में कराने को कहा है. साथ ही इसके लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाने का भी आदेश दिया गया है. किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान शुभकरण की मौत हो गई. इसके बाद किसानों ने कुछ दिनों के लिए धरना स्थगित कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी
किसानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को किसानों की मांगों पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में याचिका को पब्लिसिटी स्टंट के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी.