मौसम ने बिगाड़ी सेब सीजन की चाल, पिछले साल के मुकाबले मंडियों में पहुंची इतने लाख कम पेटियां
मौसम में लगातार हो रहे बदलाव का असर हिमाचली सेब पर साफ नजर आ रहा है. प्रदेश सहित बाहरी राज्यों की मंडियों में अभी हिमाचली सेब की महक फीकी पड़ती हुई नजर आ रही है. देशभर में फल राज्य के नाम से विख्यात हिमाचल में पहले सर्दियों के मौसम में अच्छी बारिश और बर्फबारी नहीं हुई. जिससे सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हुए. इसके बाद सेब में फ्लावरिंग के समय मौसम खराब रहा और मौसम के उतार चढ़ाव के चलते फ्रूट सेटिंग कम हुई. वहीं, गर्मियों में समय पर पर्याप्त बारिश ने होने के कराण सेब का साइज और क्वालिटी प्रभावित हुई है. जिससे इस बार सेब का उत्पादन अनुमान से भी कम रहने के आसार हैं. हिमाचल में अभी तक सेब सीजन रफ्तार नहीं पकड़ पाया है. इसकी गवाही खुद सरकारी आंकड़ें दे रहे हैं. अभी तक प्रदेश सहित बाहरी राज्यों की मंडियों में पिछली साल की तुलना में सेब की 9,77,220 पेटियां कम पहुंची हैं.
हिमाचल में अगस्त के दूसरे सप्ताह तक सेब सीजन अपनी रफ्तार पकड़ लेता था, लेकिन फ्रूट का साइज न बनने से सेब सीजन अब गति नहीं पकड़ पाया है. प्रदेश सहित देश की विभिन्न मंडियों में 12 अगस्त तक 16,58,313 पेटियां सेब की पहुंची हैं. इसमें प्रदेश में स्थित विभिन्न मंडियों में 11,08,591 पेटियां और बाहरी राज्यों की मंडियों में 5,49,722 पेटियां सेब पहुंचा है. जो कि पिछले साल के मुकाबले में 9,77,220 पेटियां कम हैं. साल 2023 में 12 अगस्त तक मंडियों में 26,35,533 पेटियां सेब पहुंच चुका था. इसमें प्रदेश की विभिन्न मंडियों में 16,78,331 और बाहरी राज्यों की मंडियों में 9,57,202 पेटियां सेब पहुंचा था.
हिमाचली सेब की मंडियों में खूब डिमांड रहती है. मंडियों में पहुंचते ही हिमाचली सेब हाथों हाथ बिक जाता है. इस बार प्रदेश में पहले ही सेब का उत्पादन कम रहने का अनुमान लगाया गया है. इस पर मौसम में हो रहे बदलाव ने सेब सीजन की चाल ही बिगाड़ कर रख दी है. हालांकि दो से तीन दिनों से मंडियों में पहुंचने वाली सेब की पेटियों के आंकड़ों में सुधार हो रहा है. यह ऐसे कि 8 अगस्त को एक ही दिन में प्रदेश सहित देश की विभिन्न मंडियों में 1,08,505 पेटियां सेब पहुंचा था. वहीं, 12 अगस्त को एक ही दिन में मंडियों में 1,84,108 पेटियां सेब पहुंचा था. इसमें प्रदेश की विभिन्न मंडियों में 1,13,591 पेटियां सेब बिकने के लिए लाया गया था. वहीं, बाहरी राज्यों की मंडियों में सेब की 70,517 पेटियां भेजी गई थीं.
इस साल इतनी सेब पेटियों का अनुमान
प्रदेश भर में सेब पैदावर करने वाले जिलों से प्राप्त हुई रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 2,91,42,800 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान लगाया गया है. इसमें सबसे अधिक सेब जिला शिमला में 1,60,99,550 पेटियां होने की संभावना है. प्रदेश में जिला शिमला में सेब की सबसे अधिक सेब पैदावार होती है. इसके अलावा कुल्लू जिले में 62,70,600 सेब पेटियां और किन्नौर जिले में 33,32,200 सेब की पेटियां होने का अनुमान है. वहीं, मंडी जिले में 24,47,250 सेब पेटियां, चंबा जिले में 5,98,150 सेब पेटियां, सिरमौर जिले में 3,09,400 सेब पेटियां, लाहौल स्पीति जिले में 64,050 सेब पेटियां, कांगड़ा में जिले 15,000 सेब पेटियां, सोलन जिले में 4,900 सेब पेटियां, बिलासपुर जिले में 1300 सेब पेटियां, हमीरपुर जिले में 350 सेब पेटियां और ऊना जिले में सबसे कम 50 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान लगाया गया है.
हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन का अनुमान | |
जिला | अनुमानित सेब पेटियां- 2024 |
शिमला | 1,60,99,550 |
कुल्लू | 62,70,600 |
किन्नौर | 33,32,200 |
मंडी | 24,47,250 |
चंबा | 5,98,150 |
सिरमौर | 3,09,400 |
लाहौल स्पीति | 64,050 |
कांगड़ा | 15,000 |
सोलन | 4,900 |
बिलासपुर | 1300 |
हमीरपुर | 350 |
ऊना | 50 |
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