भारत का पसंदीदा सरसों का तेल अमेरिका में बैन, जानिए क्यों?

0

 

भारत का पसंदीदा सरसों का तेल अमेरिका में प्रतिबंधित है। अब सवाल यह है कि ऐसा क्यों है? दरअसल, खाना पकाने के लिए सरसों के तेल के अलावा बाजार में जैतून का तेल, अलसी का तेल, तिल का तेल, मूंगफली और नारियल तेल जैसे कई विकल्प उपलब्ध हैं। इसके बावजूद भारत और दुनिया के अन्य देशों में ज्यादातर चीजें सरसों के तेल में पकाई और खाई जाती हैं। इसके बावजूद अमेरिका और यूरोप में पैकेट पर भी इसे न खाने की सलाह दी गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी सरसों के तेल में खाना पकाने पर प्रतिबंध है।

सरसों का तेल एंटीऑक्सीडेंट और कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। भारत में न सिर्फ ग्रामीण इलाकों में बल्कि शहरों में भी लोग इसे बहुत स्वास्थ्यवर्धक मानते हैं। तो फिर अमेरिका समेत दुनिया के कुछ देशों में इसे खाने की मनाही क्यों है? आइए आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह

 

सरसों के तेल के पोषक तत्व और फायदे

सरसों के तेल में औषधीय गुण होते हैं क्योंकि यह जीवाणुरोधी, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है। इसकी मदद से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और अगर शरीर में सूजन है तो वह कम होने लगती है। यह बालों और त्वचा के लिए भी फायदेमंद है, इसलिए इसे भारत में स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और बहुत अच्छा माना जाता है। इस वजह से भारत में लगभग हर घर में सरसों से बनी चीजें ही खाई जाती हैं। घर में खाना बनाना हो तो सिर्फ सरसों के तेल की जरूरत होती है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सरसों के तेल पर प्रतिबंध लगा दिया है। विभाग का मानना है कि इसमें इरुसिक एसिड होता है जो किसी न किसी रूप में हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इरुसिक एक फैटी एसिड है जिसका चयापचय नहीं होता है। यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और रोजाना इसका सेवन करने से वजन भी बढ़ता है। इरुसिक एसिड युक्त सरसों के तेल पर स्मृति क्षति के कारण प्रतिबंध लगा दिया गया है। कई अध्ययनों से यह भी पता चला है कि इसके अधिक सेवन से हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और हम कम उम्र में ही फैटी लीवर का शिकार हो जाते हैं।

 

अमेरिकी इस तेल का उपयोग करते हैं

अमेरिका में सोयाबीन तेल में खाना पकाने को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। उनके मुताबिक, इस तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड और ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है। यह कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाता है जो हमारी त्वचा में धीमा हो गया है। कोलेजन में वृद्धि से हमारी त्वचा को लाभ होता है। त्वचा को समय से पहले बूढ़ा होने से बचाया जाता है। वैसे, अमेरिका में सरसों के तेल के डिब्बे पर ‘केवल बाहरी उपयोग’ का लेबल लगा होता है, जिसका मतलब है कि आप इसे केवल लगाने या अन्य बाहरी उद्देश्यों के लिए ही उपयोग कर सकते हैं। यहां इसे खाना मना है.

 

 

RAGA NEWS ZONE Join Channel Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *