भाई अफजाल के वकील ने किया बड़ा दावा,कहा-मुख्तार को दिया जहर हमारे पास है साक्ष्य…

वकील की मौत के बाद पहली बार उनके भाई अफजल वकील का बयान सामने आया है। अफजाल के वकील ने आरोप लगाया कि मुख्तार को जहर देकर मार दिया गया है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है तो हमारे पास इस सुझाव के लिए साक्ष्य उपलब्ध है कि एक जहर तस्कर को मार दिया गया है। अफजल रिसर्चर ने कहा कि ‘सच्ची पटल पर है. जानकारी के लिए बताएं कि वकील के वकील की गुरुवार रात को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। मुख्तार बंदा की जेल में बंद थे। मुख्तार के भाई ने सवाल किया था कि एक बार उनके सहयोगी ने कहा था कि 26 तारीख को उन्हें मेडिकल कॉलेज क्यों भेजा गया था।
अफजाल रिसर्चर ने कहा कि जब उनकी पुरानी मिरगी थी तो जैसे-तैसे उनसे 5 मिनट की मुलाकात करने को मिली थी। उन्होंने कहा कि हमें गुजराती की थी कि अगर आप पुराने दिनों में बेहतर करना चाहते हैं तो कहीं भी रहें और भोजन कर लें, लेकिन उन्होंने कहा कि हम 3-4 दिन में संगीत बेहतर कर पाएंगे। मुख्तार सहयोगी के भाई अफजाल शोधकर्ता ने कहा कि जब मैं मिला तो उनके अंदर बिल्कुल भी ताकतें नहीं थीं, लेकिन मेरे समूह के दो घंटे बाद ही विद्वानों ने कहा कि वो फिट हैं। अफजल रिसर्चर ने सवाल उठाया कि कौन सा स्पेशलिस्ट न पलंग पर बैठा था, न कुछ कर सका, 11 घंटे बाद ही कैसे बिल्कुल सही बताया गया। अफजल आगे कहते हैं कि ये ड्रामा है. जहां एक तरफ अभियोजक ने कहा कि वो फिट हैं, वहीं मुखालफत ने जब अपने बेटे से बात की थी तो उन्होंने उसी दर्द भरी आवाज में कहा था कि मेरा बेटा मेरे शरीर को साथ छोड़ रहा है। अगर भगवान हैं तो देख रहे हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी को भी यह स्मारक मिल रहा है तो लगा देना। दो चार बदमाशों को बचाने के लिए सरगना की हत्या की गई है। राजनीतिक लाभ का क्या बुलडोजर लेकर आएंगे और मिट्टी में मिलेंगे। इससे पहले वकील के बेटे उमर वकील ने एक साक्षात्कार में कहा था कि हमें शक नहीं है, यकीन है कि ये प्राकृतिक मौत नहीं है। रावतें ने कहा कि हम जांच की मांग करेंगे।मुख्तार के वकील ने 2005 में आवासीय परिसर का सुपरमार्केट बनाया और उसी से जेल में बंद कर दिया। निरीक्षण वो बंदा जेल में बंद था, जहां उसके गुरुवार को आंतकवादी जिस के बाद उसे अस्पताल ले गए, जहां 9 ईसाइयों की टीम असहमत की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह नहीं जा सका। बताया गया कि मुख्यालय को दिल का दौरा पड़ा था। जिसके बाद शुक्रवार को मुखिया के शव का नरसंहार हुआ। शुक्रवार देर रात 1:15 बजे मुखिया के शव को उसके घर में दफनाया गया। जहां शनिवार को उन्हें कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाया गया।