बेंगलुरु में 12 दिन में मिले जीका वायरस के 5 मामले, क्या हैं इसके लक्षण और कैसे करें बचाव?
बेंगलुरु शहर में जीका वायरस के पांच मामले सामने आए हैं। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू ने रविवार को कहा कि जीका वायरस के इन सभी मामलों की पुष्टि 4 अगस्त से 15 अगस्त के बीच बेंगलुरु के जिगनी में हुई थी। उन्होंने कहा कि जीका वायरस के लक्षण सामान्य हैं और इसका इलाज डेंगू जैसा ही है.
स्वास्थ्य मंत्री गुंडू ने कहा, “जब जीका वायरस का पहला मामला सामने आया, तो आसपास के इलाकों में परीक्षण किए गए, जिसके बाद जीका संक्रमण के पांच मामले सामने आए।” उन्होंने कहा कि तदनुसार, आसपास के क्षेत्रों में रोकथाम क्षेत्र बनाए गए हैं। इससे पहले जुलाई में भी महाराष्ट्र में जीका वायरस के 6 मामले सामने आए थे. इन पीड़ितों में दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं.
जीका वायरस कैसे फैलता है?
जीका वायरस एडीज मच्छर से फैलता है। जीका वायरस इन मच्छरों के काटने से इंसानों में प्रवेश करता है और उन्हें बीमार कर देता है। ये मच्छर चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, लाल आंखें, शरीर पर दाने, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। जीका वायरस का प्रभाव आमतौर पर दो से सात दिनों तक रहता है। इस संक्रमण का पता लगाने के लिए रक्त और मूत्र परीक्षण किया जाता है।
जीका वायरस से कैसे बचें?
जीका की रोकथाम के लिए आमतौर पर वही उपाय अपनाए जाते हैं जो डेंगू जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए किए जाते हैं। घर के आसपास पानी जमा न होने दें। इसके अलावा, मच्छरों के काटने के जोखिम को कम करने के लिए ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिक हिस्से को ढकें। साथ ही उन इलाकों में जाने से बचें जहां संक्रमित मरीज रह रहे हों. खान-पान का भी विशेष ध्यान रखें।