“बीबी जागीर कौर ने स्वयं श्री दरबार साहिब से गुरबानी के प्रसारण से पहले और बाद में विज्ञापन चलाने की अनुमति दी थी।”

अमृतसर, 3 जुलाई
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर को धोखेबाज नहीं, बल्कि बाज़ की भूमिका निभाने की सलाह दी है।
शांति ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बीबी जागीर कौर श्री दरबार साहिब से गुरबाणी प्रसारण को लेकर नई-नई सलाह दे रही हैं और बार-बार गुरबाणी के कारोबार की बात कर रही हैं, लेकिन बीबी यह भूल गई हैं कि निजी चैनलों को बीबी ने ही पहले पीटीसी से विज्ञापन चलाने की इजाजत दी थी और श्री दरबार साहिब से गुरबाणी के प्रसारण के बाद और उस विज्ञापन का 10 प्रतिशत हिस्सा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को देने पर भी सहमति हुई।
शांति ने कहा कि सिखों के गौरवशाली इतिहास में महिलाओं का अहम स्थान रहा है और महिलाओं ने बहुत प्रेरणा दी है लेकिन बीबी जागीर कौर ने महिलाओं के इतिहास से कुछ नहीं सीखा. शिरोमणि अकाली दल में शामिल होकर बीबी जागीर कौर ने धर्म और राजनीति के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब वे उसी अकाली दल को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने महिला से सवाल किया कि वर्ष 2000 में उसके पास नीली सफारी थी
गाड़ी कहां से आई और किसने दी? यह वाहन व्यक्तिगत लाभ के लिए बीबी को उपहार के रूप में उपलब्ध एक कार्रवाई थी। उस गाड़ी की किश्तें सहकारी बैंक में किसने भरीं
इस संबंध में बीबी जागीर कौर ने कहा कि चैनल के साथ हुए समझौते में मैंने व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं बल्कि एजुकेशन फंड के लिए पैसा लिया था.