बजट सत्र का 5वां दिन हंगामेदार रहने के आसार, किसान और नशे का मुद्दा रहेगा हावी

पंजाब विधानसभा के बजट सत्र का आज 5वां दिन है. पिछले दिनों की तरह इस बार भी विधानसभा का माहौल हंगामेदार रहने की संभावना है. विपक्षी दल जहां सदन में ओलावृष्टि से फसल क्षति और नशे से हुई मौतों का मुद्दा उठाएंगे, वहीं विधायकों की ओर से कई विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे.
पिछले दिनों सदन में हुए हंगामे के बाद विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां भी सख्त नजर आ रहे हैं. उन्होंने विधायकों से साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर सदन का माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा. कल स्पीकर ने कांग्रेस विधायकों की नियुक्ति की. उधर, कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाया.
आज सदन में
बजट सत्र के 5वें दिन शिरोमणि अकाली दल के विधायक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए कुछ दिन पहले हुई ओलावृष्टि से गेहूं और आलू की फसल को हुए नुकसान का मुद्दा उठाएंगे. इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस विधायकों की ओर से आठ अलग-अलग प्रस्ताव सदन में पेश किए जाएंगे
पेश किए जाने वाले प्रस्तावों में पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ों की अवैध कटाई को रोकना, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाना, किसानों की आय में सुधार करना और सरकार बनने के बाद चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों को कानूनी रूप से लागू करना सुनिश्चित करना शामिल है। इसके अलावा यह भी प्रस्ताव रखा जाएगा कि राज्य में नशे के कारण युवाओं की हो रही मौतों को रोकने के लिए सरकार कानून बनाकर उचित कदम उठाए।
अब तक का सत्र हंगामेदार रहा है
इस बार बजट सत्र शुरू से ही हंगामेदार रहा. सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायकों ने किसान आंदोलन को लेकर प्रदर्शन किया. जिसके कारण राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित अपना अभिभाषण भी नहीं पढ़ सके और सत्र का पहला चरण केवल 15 मिनट तक चला. इसी दिन दोपहर में किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले शुभकरण समेत कई लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.
हालांकि, राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दिन सीएम भगवंत मान ने खुद मोर्चा संभाला और कांग्रेस विधायकों को सदन में बैठने की जमकर चुनौती दी गई. इसके साथ ही बजट के तीसरे दिन बजट पेश किया गया. बजट पर बहस के चौथे दिन कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने सदन में बोलने के लिए समय नहीं दिये जाने की बात कही. हालांकि, स्पीकर ने कहा कि उनकी पार्टी को पर्याप्त समय दिया गया है. ऐसे में कांग्रेस के 9 विधायकों को एक दिन के लिए सदन से बाहर कर दिया गया.