प्रशासक ने लगाई वर्ष 2023-24 के लिए चंडीगढ़ की नई आबकारी नीति पर मोहर|

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विदेशी, देशी और आयातित विदेशी शराब के कोटे नहीं हुआ परिवर्तन

-चंडीगढ़ में कस्टम बॉन्डेड वेयरहाउस होने की शर्त को हटाया
-कॉउ सेस को घटाया , स्वच्छ वायु उपकर लगाया जाएगा
-लो एल्कोहलिक ड्रिंक्स को बढ़ावा देने के लिए लाइसेंस व डयूटी फीस नहीं बढ़ाई
रागा न्यूज़,चंडीगढ़,01मार्च:।
प्रशासक बनबारी लाल पुरोहित ने सलाहकार, सचिव (आबकारी एवं कराधान), आबकारी और कराधान आयुक्त और आबकारी विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद वर्ष 2023-24 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है। उत्पाद एवं कराधान विभाग द्वारा आयोजित परामर्श सत्रों में विभिन्न हितधारकों से प्राप्त सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद नई उत्पाद नीति बनाई गई है। नई आबकारी नीति का उद्देश्य उपभोक्ताओं, निर्माताओं, थोक विक्रेताओं,खुदरा विक्रेताओं और सरकार की आकांक्षाओं को संतुलित करना है। नई आबकारी नीति की कुछ मुख्य विशेषताएं विभिन्न हितधारकों से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार की शराब पर उत्पाद शुल्क को वर्तमान उत्पाद शुल्क नीति के समान ही रखा गया है।

देश में निर्मित विदेशी शराब, देशी शराब और आयातित विदेशी शराब का कोटा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। हितधारकों के सुझावों के आधार पर तिमाही कोटा उठाने की मात्रा को आसान बनाया गया है।

अधिक पारदर्शिता के लिए शराब की खुदरा दुकानों का आवंटन ई-टेंडरिंग प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। नीलामी की तिथियों के संबंध में अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी। बोलियों में बेहतर भागीदारी के लिए ईएमडी घटाकर आधा कर दिया गया है।

व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए, नए बार लाइसेंसधारियों (एल-3/एल-4/एल-5) को 30 सितंबर के बाद लाइसेंस प्रदान किए जाने की स्थिति में वार्षिक लाइसेंस शुल्क का केवल 50प्रतिशत भुगतान करना होगा। नई आबकारी नीति में भी बारों के संचालन के लिए 3 बजे तक अतिरिक्त 2 घंटे का प्रावधान रखा गया है।

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