पूर्व केन्द्रीय जलशक्ति व सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री और वर्तमान सांसद रतन लाल कटारिया ने सरस्वती नदी को पुनरूस्थापित करने के लिए विशेष पैकेज की करी माँग
पंचकूल : पूर्व केन्द्रीय जलशक्ति व सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री वर्तमान सांसद रतन लाल कटारिया ने बताया की संसद में शून्य काल के दोरान उन्होंने सदन का ध्यान लोकसभा क्षेत्र यमुनानगर में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल आदि बद्री की ओर दिलाया। सरस्वती नदी भारतीय सभ्यता और संस्कृति का एक मूल हिस्सा है और इसके 10,000 वर्ष पुरानी भारतीय सभ्यता से जुड़े होने के प्रमाण मिलते हैं।
कटारिया ने कहा वर्षों पूर्व सरस्वती नदी की धारा पृथ्वी पर विलुप्त हो गई थी, जिसे पुनरूस्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर कुरुक्षेत्र प्रवास के दौरान सरस्वती नदी के महत्व पर भी प्रकाश डाला था।
उन्होंनेे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कुरुक्षेत्र प्रवास के समय सरस्वती नदी की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने बताया की उन्होंने संसद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सरस्वती नदी का उद्गम स्थल यमुनानगर जिले के आदि बद्री नामक स्थान की महत्ता बताई, जहां इसकी एक धारा प्रवाहित हो रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सरस्वती हेरिटेज बोर्ड, सरस्वती नदी के प्रवाह को दोबारा स्थापित करने के लिए कार्य कर रहा है और हरियाणा सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय को भी आदि बद्री में डैम बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा है।
कटारिया ने कहा कि उन्होंने सदन से अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार भारतीय संस्कृति की इस विरासत को पुनरूस्थापित करने के लिए कदम उठाए। उन्होंने सदन से मांग की कि इसके लिए प्रसाद योजना के अंतर्गत 100 करोड रुपए के पैकेज की घोषणा की जाए, ताकि सरस्वती नदी की अविरल धारा को दोबारा प्रवाहित किया जा सके और लोगां में सरस्वती नदी की महत्वता बढ़ सके, जिससे टूरिज्म को भी बढावा मिलेगा।