पुलिस के सामने खोले अमृतपाल के कई ‘राज , पपलप्रीत का ठिकाना बना डिब्रूगढ़ जेल,बताया भागने का पूरा रूट मैप

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अमृतसर. खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के करीबी साथी पपलप्रीत सिंह को असम के डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है. पपलप्रीत को कल अमृतसर जिले से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद अमृतपाल के दूसरे साथियों की तरह उसे भी डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, डिब्रूगढ़ जेल में ही पपलप्रीत से पूछताछ होगी, क्योंकि पंजाब की जेल में रखने से पुलिस को माहौल खराब होने की आशंका है.

डिब्रूगढ़ जेल में पहले से ही अमृतपाल के 8 साथी बंद हैं. यहां अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह, उसका फाइनेंसर दलजीत कल्सी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह, भगवंत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरिंदर पाल सिंह को जेल की अलग-अलग कोठरियों में 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी में रखा गया है.

 

कैसे चकमा देकर भागा अमृतपाल?

भगोड़े अमृतपाल सिंह के साथ ही 18 मार्च से फरार चल रहे पपलप्रीत सिंह ने पुलिस की पूछताछ में कई चौंकाने वाले सुलासे किए हैं. उसने बताया कि वे इतने लंबे समय तक पुलिस से बचने में कैसे कामयाब रहे. पंजाब पुलिस के एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘पपलप्रीत ने बताया कि वे हरियाणा, पटियाला, दिल्ली और पीलीभीत गए और फिर वापस हरियाणा और पंजाब गए. उसने सभी ठिकानों की व्यवस्था करने की बात कबूल की है और बताया कि वे कार और बसों से सफर करते थे या लिफ्ट लेते थे.’

पपलप्रीत के मुताबिक, वे ‘पुलिस की पिटाई से बचने’ के लिए भाग रहे थे. सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि एक समय वे आत्मसमर्पण करना चाहते थे, लेकिन पुलिस टॉर्चर के डर से ऐसा नहीं किया.’ वहीं अमृतपाल के ठौर-ठिकाने को लेकर सवाल पर उसने बताया कि अब अमृतपाल से उसका कोई संपर्क नहीं है. पपलप्रीत ने बताया कि ‘अमृतपाल पंजाब में है, लेकिन पिछले हफ्ते छापेमारी के बाद वे अलग हो गए थे.’ सूत्र ने कहा, ‘पपलप्रीत ने कहा कि वह पूरा सहयोग करने को तैयार है.’

वहीं पपलप्रीत की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘वह (पपलप्रीत) अमृतपाल सिंह का मुख्य सहयोगी है. उसे अमृतसर के कथूनंगल इलाके से गिरफ्तार किया गया. पपलप्रीत को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है और उसके खिलाफ छह अन्य मामले भी दर्ज किए गए हैं.’

 

पपलप्रीत को अमृतपाल का मेंटर माना जाता है और वह कथित तौर पर पाकिस्तान की ISI के संपर्क में रहा है. गिल ने कहा कि पपलप्रीत के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

 

 

ऐसे मिला पपलप्रीत का सुराग
पपलप्रीत की गिरफ्तारी सोशल मीडिया पर सीसीटीवी फुटेज प्रसारित होने के कुछ दिन बाद हुई है. उस फुटेज के आधार पर पपलप्रीत के होशियारपुर के एक गांव स्थित ‘डेरा’ में होने का दावा किया गया था. बताया जा रहा है कि फुटेज 29 मार्च का था. इससे एक दिन पहले खुफिया इकाई ने दोनों भगोड़े आरोपियों के होने की आशंका में फगवाड़ा से होशियारपुर जा रही इनोवा कार का पीछा किया था.

सोशल मीडिया पर प्रसारित सीसीटीवी फुटेज को डेरा तनौली गांव का बताया जा रहा था जो मरनाइयां गांव से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर है. वहां पर पुलिस ने संदेह के आधार पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया था. माना जा रहा है कि जब पुलिस ने अमृतपाल और पपलप्रीत के वाहन का पीछा किया तो वे होशियारपुर में अलग-अलग हो गए.

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