पंजाब स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन स्कीम के तहत महिलाएं बन रही हैं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और मजबूत: अवनीत कौर

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11000 सदस्यों वाले जिले में लगभग 1000 स्वयं सहायता समूह : अपर उपायुक्त

मोहाली

पंजाब राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (PSRLM) ग्रामीण और गरीब महिलाओं के उत्थान और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर/सशक्त बनाने में सहायक रहा है। यह जानकारी ए. डी सी (ग्रामीण विकास) अवनीत कौर द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि पी.एस.आर.एल.एम. एक घटक पर काम न करके समग्र विकास प्रदान करता है और विभिन्न प्रशिक्षणों के माध्यम से महिलाओं का कौशल बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पीएसआरएलएम गांव-गांव गया। कर्मचारियों द्वारा महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाता है जिसके माध्यम से 10-15 सदस्यों (महिलाओं) को एक स्वयं सहायता समूह में शामिल किया जा सकता है और उनके बैंक खाते सरकार द्वारा उनके आस-पास के गाँवों में खोले जाते हैं और वे 10 सदस्य प्रत्येक महीने अपनी बचत जमा करते हैं ( 100/- प्रति सदस्य) उस खाते में और कोई भी सदस्य आवश्यकता पड़ने पर धन का उपयोग कर सकता है। इसके अंतर्गत सरकार इन स्वयं सहायता समूहों को समय-समय पर रू0 20,000/- एवं रू0 50,000/- की आर्थिक सहायता देती है ताकि समूह स्वयं के रोजगार हेतु व्यवसाय प्रारम्भ कर अधिक धन अर्जित कर सके। इसके अलावा, सरकार इन समूहों को विभिन्न सरकारी और अर्ध-सरकारी बैंकों के माध्यम से कम ब्याज दरों पर CCL (कैश क्रेडिट लोन) ऋण प्रदान करती है। अतिरिक्त उपायुक्त अवनीत कौर ने कहा कि पीएसआरएलएम (पंजाब स्टेट रूरल लवलीनेस मिशन) योजना के तहत जिला एसएएस. नगर में करीब 1000 स्वयं सहायता समूह चलाए जा रहे हैं जिनमें करीब 11000 सदस्य इस योजना से जुड़े हैं। योजना के तहत कई समूहों ने अपना कारोबार बढ़ाया है।

ब्लॉक-खरड़ के गांव-स्वारा में चल रहे ‘नूर आजीविका स्व-सहायतन समूह’ की अध्यक्षा सरोज बाला ने कहा कि उनके समूह ने आरसेटी का आयोजन किया है। (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान), मोहाली में जूट बैग बनाने के प्रशिक्षण के लिए तथा सभी सदस्य मिलकर जूट बैग, जूट किट एवं जूट के अन्य सामान बनाने का कार्य करते हैं, उन्होंने कहा कि उन्होंने समूह की बचत का उपयोग किया और योजना के तहत, समूह ने सरकार द्वारा दिए गए 15000/- रुपये के फंड का उपयोग करके अपने काम का विस्तार किया है और समूह द्वारा मोहाली और आस-पास के गांवों जैसे बैगों का निर्माण और बिक्री की जाती है, जिससे उन्हें प्रति बैग 20,000/- रुपये तक की कमाई होती है। मंथली इनकम हो गई है। इसी प्रकार जिला एस.एस नगर के गिगे माजरा गांव में ‘सेवा भालिया आजीविका स्वयं सहायता समूह’ की अध्यक्ष श्रीमती जसविंदर कौर ने कहा कि उनके समूह के सदस्य फुलकारी, ऊनी स्वेटर, कोटि, बच्चों के कपड़े आदि तैयार करते हैं। योजना में शामिल होने के बाद उनकी आय में काफी वृद्धि हुई है और वे योजना के तहत विभिन्न मेलों में भाग लेते हैं, जैसे राज्य स्तरीय मेले, सार्स मेले, राष्ट्रीय स्तर के मेले और यह समूह जो इन मेलों में भाग लेकर माल का निर्माण और बिक्री करता है, जिसके माध्यम से समूह की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस समूह के अध्यक्ष के अनुसार उन्हें सरकार द्वारा 50,000/- रुपये का फंड दिया गया था और समूह की बचत से उन्होंने अपने काम को और बढ़ाया, जिससे उन्होंने अब तक 3 लाख रुपये का लाभ कमाया है।

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