पंजाब में सियासी ड्रामा, अकाली दल की सुरजीत कौर सुबह AAP में शामिल, शाम को घर लौटीं
सुरजीत कौर: पंजाब की राजनीति से एक बड़ी खबर सामने आई है. जालंधर वेस्ट सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव होना है. मंगलवार को सीएम भगवंत मान ने अकाली दल को बड़ा झटका देते हुए अकाली दल प्रत्याशी सुरजीत कौर को आप पार्टी में शामिल करा लिया. लेकिन शाम होते-होते वह दोबारा अकाली दल में शामिल हो गये. चर्चा है कि अकाली दल के बागी गुट ने कौर की पार्टी में वापसी करा दी है.
सुरजीत कौर के चेहरे के भाव से साफ था कि अकाली दल के बागी नेताओं ने उन पर दबाव डाला और उन्हें वापस पार्टी में ले लिया. कयास लगाए जा रहे थे कि उनके जाने से बागी नेताओं की ताकत कमजोर हो रही है. इसलिए इन नेताओं ने मिलकर बड़ा राजनीतिक उलटफेर कर दिया. इसके साथ ही बागी गुट ने अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल और उनके गुट के नेताओं के खिलाफ भी अपनी ताकत दिखाई है.
बसपा को समर्थन का ऐलान
आपको बता दें कि पहले अकाली दल का टिकट सुरजीत कौर को दिया गया था. लेकिन बाद में पार्टी ने अपना हाथ खींच लिया और बीएसपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. इसके बाद पार्टी के दो गुट बन गये. एक गुट सुरजीत कौर के टिकट का समर्थन कर रहा है, जबकि अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल और उनके डेरा नेता बसपा का समर्थन कर रहे हैं. इसे लेकर अकाली दल में फूट पड़ गई है. और यही वजह है कि सुरजीत कौर अकाली दल के चुनाव चिन्ह पर नहीं बल्कि दूसरे चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रही हैं.
प्रत्याशी सुरजीत कौर मजबूत चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगी। पंजाब में उपचुनाव से पहले बड़ा सियासी उलटफेर हो सकता है. विद्रोही नेताओं ने सांप्रदायिक मुद्दों को हल करने में विफल रहने के लिए पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाया। इसके बाद मंगलवार को अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल ने अपनी ताकत दिखाने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 106 सदस्यों के साथ बैठक की. बादल ने कहा कि पार्टी बसपा उम्मीदवार को समर्थन देने के अपने फैसले पर कायम रहेगी. हालांकि, शाम को जब सुरजीत कौर दोबारा बागियों के साथ दिखीं तो बादल ने कहा कि कुछ नेता पार्टी को तोड़ने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं.