पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा की 14 अक्टूबर को चंडीगढ़ में विशाल राज्य स्तरीय रैली

पी.एस.एफ. हजारों की संख्या में कर्मचारी भाग लेंगे
चंडीगढ़, 9 अक्टूबर
पेंशनरों और मजदूर वर्ग को मिलने वाली सुविधाओं को बंद कर निजीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ पूंजीपति वर्ग की सेवा की जा रही है। संगठन के राज्य प्रेस सचिव इंद्रजीत विरदी ने प्रेस को बताया कि कर्मचारियों और पेंशनरों की मांगों को हल करने के लिए किए जा रहे संघर्ष को तेज किया जा रहा है और राज्य में चार कैबिनेट मंत्रियों के आवासों का घेराव करने के बाद संघर्ष का अगला चरण होगा जगह. एक मंच के तौर पर “पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा” के बैनर तले 14 अक्टूबर को चंडीगढ़ में एक विशाल राज्य स्तरीय रैली की जा रही है और अगले उग्र संघर्ष की घोषणा की जा रही है. संगठन के नेता करमजीत सिंह बिहला, सुखविंदर चहल, मक्खन सिंह वाहिदपुरी, हरमनप्रीत कौर गिल ने कहा कि सरकार बदलने के खिलाफ कर्मचारियों और पेंशनरों के इस संयुक्त मोर्चे द्वारा की जा रही राज्य स्तरीय रैली में पंजाब भर से पी.एस.एफ. हजारों कर्मचारी भाग ले रहे हैं. रैली में शामिल होने के लिए जिलों का कोटा तय कर दिया गया है और जिलों से मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों में इस रैली के प्रति उत्साह और सरकार के प्रति गुस्सा साफ नजर आ रहा है.
नेताओं ने कहा कि मौजूदा सरकार पंजाब के लोगों के लिए नहीं बल्कि अपने प्रचार के लिए पंजाब के लोगों से करोड़ों रुपये चुरा रही है. झूठे प्रचार के कारण पूरे पंजाब में कोई भी खंभा, दीवार या ऐसी कोई जगह नहीं है जहां भगवंत मान की फोटो न दिखाई दे रही हो। शहीद भगत सिंह का नाम बदनाम करने वाली इस सरकार को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। नेताओं ने सरकार से मांग की कि विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों, समितियों, केंद्रीय योजनाओं और स्थानीय निकायों में कार्यरत सभी प्रकार के अनुबंध, अनुबंध, दैनिक वेतन, आउटसोर्स और भर्ती कर्मचारियों की सेवाओं को पूर्ण ग्रेड और भत्ते के साथ नियमित किया जाना चाहिए। किया जाए, पंजाब में कार्यरत मिड-डे मील, आंगनबाडी, आशा वर्करों को न्यूनतम वेतन के अंतर्गत लाया जाए तथा 18000/- रुपए प्रतिमाह दिया जाए, भर्ती किए गए कर्मचारियों की अंशदायी पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन लागू की जाए 1-1-2004 से किया जाये,
इस मौके पर उपरोक्त नेताओं के अलावा किशोर चंद गज, अनिल कुमार, अमरीक सिंह, जसविदर सोजा, बोबिंदर सिंह, जसप्रीत गगन, गुरदेव सिंह सिद्धू, गुरविदर सिंह, मनोहर लाल शर्मा, करम सिंह, मोहन सिंह पुनिया, राजिदर सिंह रियाड़ शामिल थे। , निरभाई सिंह। , तेजिंदर सिंह, बिरिंदरजीत पुरी, जरनैल सिंह, निर्मोलक सिंह, राजेश कुमार अमलोह, प्रिंसिपल अमनदीप शर्मा, कुलदीप पूरोवाल, सुभाष चंद्र, कर्मपुरी, सुखदेव घलालीवाला, गुरप्रीत सिंह मखीमपुर, पूरन सिंह संधू, दर्शन चीमा, जग्गा सिंह अलीशेर , बिमला रानी, रानो खेड़ी गिलां, शर्मिला देवी, गुरप्रीत कौर आदि भी उपस्थित थे।