देश के 24 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें कहां कितना है बारिश का कहर
हिमाचल प्रदेश में फंसे हुए सैलानियों को निकालने के लिए सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन लाहौल-स्पीति में स्थित चंद्रताल के लिए चल रहा है। चंद्रताल में करीब 250 टूरिस्ट फंसे हैं तो सिस्सू में 300 टूरिस्ट फंसे हुए हैं। बड़ी परेशानी चंद्रताल के लिए है, क्योंकि कल भी वहां हेलिकॉप्टर भेजने की कोशिश की गई थी जो कामयाब नहीं हुई। अब आज फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। हिमाचल में अगर आज बारिश नहीं हुई तो रेस्क्यू के काम में तेज़ी आ सकती है। तबाही इतनी ज्यादा है कि सड़कों के ठीक होने में लंबा वक्त लग सकता है।
सरकार के सामने पहली चुनौती टूरिस्ट की है, क्योंकि टूरिस्ट पैदल चल कर बड़े स्टेशनों तक पहुंच रहे हैं। हिमाचल में इस वक्त 1239 सड़कें बंद है। शिमला में सबसे ज्यादा 581, मंडी में 200, चंबा में 116, सिरमौर में 101, हमीरपुर और लाहौल-स्पीति में 97-97 सड़कें बंद पड़ी हैं।
अब तक 80 लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
लगातार तीसरे दिन की बारिश से अब तक 4000 करोड़ से ज्यादा संपत्ति की जलसमाधि ले चुकी है।
60 से ज्यादा गाड़ियां खिलौने की तरह सैलाब में बह चुकी हैं।
79 घर टूटकर मलबे में तब्दील हो चुके हैं।
4500 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर के ठप होने से हिमाचल का बड़ा हिस्सा अंधेरे में डूबा है।
मंडी में सबसे ज्यादा तबाही हुई है।
एहतियातन करीब 115 मकानों को प्रशासन ने खाली करवा लिया है।
800 से ज्यादा रास्ते बंद होने के चलते गांवों से संपर्क टूट गया है।
उत्तराखंड में आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड में बारिश से तबाही की तस्वीरें आने लगी हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला में काली नदी के किनारे बना मकान सैलाब में समा गया है। वहीं पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर रहा है। श्रीनगर में कई जगहों पर नदी पुल के लेवल तक आ गई है। उत्तराखंड के साथ-साथ और वेस्टर्न यूपी और बिहार के कई ज़िलों में भी बारिश का अलर्ट है। उत्तराखंड में लगातार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से कई जगह लैंडस्लाइड हुआ है। उत्तराखंड सरकार का दावा है कि वो अलर्ट पर हैं और किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं।
पिथौरागढ़ डिस्ट्रिक्ट के धारचूला में काली नदी के किनारे मकान ढह गया।
भटवारी के पास लैंडस्लाइड में तीन गाड़ियां दब गईं, जिनमें चार की जान गई।
एम्स ऋषिकेश मे पानी भर गया। इमरजेंसी वार्ड ब्लॉक में बारिश का पानी कचरा भी लेकर आया।
उत्तराखंड में फिलहाल चार धाम यात्रा को रोका नहीं गया है।