दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी द्वारा “इतिहास में सिख महिलाओं का योगदान” श्रृंखला के तहत आठवां विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया

नई दिल्ली, 7 अप्रैल, : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और सिख इतिहास और गुरबानी फोरम सिख इतिहास के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है। प्रो चरण सिंह (अध्यक्ष पंजाब एवं सिंध बैंक) की प्रेरणा से गु. “इतिहास में सिख महिलाएं” श्रृंखला के तहत आठवां विशेष व्याख्यान श्री गुरु अमरदास जी की बेटियों “बीबी भानी जी और बीबी दानी जी” के जीवन इतिहास पर रकाब गंज साहिब के सम्मेलन हॉल में आयोजित किया गया था।
गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल इंडिया गेट के विद्यार्थियों द्वारा गाए गए गुरबानी शब्द के बाद संस्था के निदेशक डाॅ. हरबंस कौर सागु ने आए हुए विद्वानों, संगत और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और मुख्य वक्ता डॉ. आज के व्याख्यान की अध्यक्षता सुखदयाल सिंह (पूर्व प्रोफेसर, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला) ने की। महेंद्र सिंह (निदेशक भाई वीर सिंह साहित्य सदन) एवं डाॅ. जगजीत सिंह सभरवाल (पूर्व प्रोफेसर गुरु नानक देव खालसा कॉलेज) का औपचारिक स्वागत किया और उनके बारे में जानकारी साझा की।
मुख्य वक्ता डाॅ. डॉ. सुखदयाल सिंह जी ने मुगल दरबार के समाचार पत्र पर आधारित। हरबंस कौर ने हरबंस कौर सागू द्वारा अनुवादित पुस्तक “अखबार-ए-दरबार-ए-मौला” के बारे में जानकारी साझा की और श्री गुरु अमरदास जी की बेटियों बीबी भानी जी और बीबी दानी जी के बारे में बताया कि बीबी भानी जी की माता थीं शहीद परिवार, सिख धर्म में एक ऐसा परिवार है, जिसका दुनिया में कोई नहीं है। प्रथम दो गुरु साहिबों को छोड़कर शेष आठ गुरु साहिबों का बीबी भानीजी से पारिवारिक संबंध था। बीबी भानी जी सर्वगुण संपन्न, मिलनसार समर्थक, सेवा सिमरन की प्रतिमूर्ति, सहनशील, संयमी, गंभीर, धैर्यवान, धैर्यवान, मधुर स्वभाव वाली, विनम्र, आज्ञाकारी और परोपकारी थीं।
व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए डाॅ. महेंद्र सिंह सिंह एवं डाॅ. जगजीत सिंह सभरवाल ने बीबी भानी जी और बीबी दानी जी के जीवन के बारे में अपने बहुमूल्य विचार साझा किये।
डॉ के बाद हरप्रीत कौर प्रिंसिपल माता सुंदरी कालज और स्वर्ण सिंह “स्वर्ण” ने आज के व्याख्यान में भाग लेने वाले गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं, दर्शकगण आदि ने भाग लिया।