थाली की महंगाई थामने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम, गेहूं और चावल की कीमतों में आ सकती है गिरावट

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खाने पीने के सामानों की बढ़ती महंगाई से परेशान से आम लोगों को जल्द राहत मिल सकती है। सरकार के बड़े कदम से गेहूं और चावली की कीमतों में बड़ी गिरावट की उम्मीद की जा रही है। सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि वह बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिये केंद्रीय पूल से अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल खुले बाजार में बेचेगी।

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाल में गेहूं और चावल की कीमतों में तीव्र वृद्धि हुई है। सरकार ने 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन गेहूं खुला बाजार बिक्री योजना के तहत बेचने का निर्णय किया है।’’ उन्होंने कहा कि यह कुछ महीने पहले घोषित खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 15 लाख टन गेहूं और पांच लाख टन चावल की बिक्री के अलावा है। चोपड़ा ने कहा कि अबतक सात लाख टन गेहूं ओएमएसएस के तहत ई-नीलामी के जरिये बेचा गया है। चावल की बिक्री बहुत कम रही है।

खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले जरूरी सामान की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी ने खाने का स्वाद हुआ कड़वा कर दिया है। सिर्फ एक महीने में शाकाहारी ओर नॉन-वेज थाली की कीमत में बड़ी बढ़ोतरी हो गई है। क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जून महीने के तुलना में जुलाई में घर पर शाकाहारी थाली तैयार करने की लागत 34 प्रतिशत बढ़ गई है, जबकि मांसाहारी थाली की लागत 13 प्रतिशत बढ़ गई है। क्रिसिल के अनुसार, शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होता है। मांसाहारी थाली के लिए दाल की जगह चिकन पर विचार किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, मांसाहारी थाली की कीमत धीमी गति से बढ़ी, क्योंकि ब्रॉयलर की कीमत, जिसमें लागत का 50 प्रतिशत से अधिक शामिल है, जुलाई में महीने-दर-महीने 3-5 प्रतिशत की गिरावट की संभावना है।“ रिपोर्ट में कहा गया है, “वनस्पति तेल की कीमत में महीने-दर-महीने 2 प्रतिशत की गिरावट से दोनों थालियों की लागत में वृद्धि से कुछ राहत मिली।” क्रिसिल ने कहा, थाली में इस्तेमाल होने वाली इन सामग्रियों की कम मात्रा को देखते हुए उनकी लागत में योगदान कुछ सब्जी फसलों की तुलना में कम रहता है।

 

 

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