ट्रेन में युवक की मौत, बेरहम टीटीई की लापरवाही से गई जान
झारखंड। चक्रधरपुर स्टेशन में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया जब एक यात्री का शव साउथ बिहार एक्सप्रेस से उतारा गया. दरअसल, इस यात्री की मौत ट्रेन में ही हो गई थी. शव की पहचान 38 वर्षीय पपलू दास के रूप में की गई. जानकारी के मुताबिक, पपलू इस ट्रेन में यात्रा कर रहा था तो अचानक झारसुगड़ा रेलवे स्टेशन के पास उसकी तबीयत बिगड़ गई. आस-पास बैठे यात्रियों ने इसकी सूचना ऑन ड्यूटी टीटीई को दी और चिकित्सा सुविधा की मांग की. टीटीई आया तो जरूर लेकिन पपलू को ऊपर वाले बर्थ में जाकर सो जाने को कह कर चला गया. थोड़ी ही देर बाद पपलू दास बेहोश हो गया. सह यात्रियों के अनुसार, पपलू दास को मिर्गी का दौरा पड़ गया था. सूचना देने के बावजूद न तो पुलिस आई और न ही टीटीई ने चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई. ट्रेन आगे इसी तरह बढ़ती चली गई.
बाद में ट्रेन राउरकेला स्टेशन पहुंची. वहां भी यात्रियों ने इसकी शिकायत की लेकिन रेलवे कर्मचारियों ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया. ऐसे ही ट्रेन राउरकेला से चलकर मंगलवार शाम 5 बजकर 17 मिनट पर चक्रधरपुर पहुंच गई. वहां रेलवे अस्पताल के डॉक्टर रश्मि पांडे ने यात्री की जांच की. लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. फिर शव को चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन में ही उतार दिया गया. जीआरपी और आरपीएफ ने शव की जांच पड़ताल के बाद मृतक के पास से एक बैग बरामद किया. बैग से मिले उसके आधार कार्ड से उसकी पहचान सहरसा निवासी पपलू दास के रूप में की गई. पुलिस उसके परिजनों से संपर्क कर रही है. बुधवार सुबह शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. वहीं, रेलवे द्वारा बरती गई लापरवाही के खिलाफ यात्रियों ने चक्रधरपुर में खूब हंगामा भी किया. उन्होंने कहा कि समय पर अगर उसे चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई गई होती तो शायद वह बच जाता. यात्रियों ने बताया कि झारसुगुड़ा से लेकर चक्रधरपुर तक (200 किलोमीटर) उन्हें लाश के साथ ही यात्रा करनी पड़ी. यात्री की मौत की खबर जब ऊपर तक पहुंची तो रेल मंडल ने मामले की जांच करने के आदेश दे दिए. इसके अलावा ट्रेन में ड्यूटी में तैनात टीटीई और आरपीएफ से जवाब तलब किया जा रहा है. रेल मंडल ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.