जेल में कैदियों की अप्राकृतिक मौत के बढ़ते आंकड़ों पर हाईकोर्ट ने हरियाणा-पंजाब से मांगी रिपोर्ट

चंडीगढ़, 14 जुलाई
जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मौत के बढ़ते आंकड़ों पर हाईकोर्ट ने हरियाणा-पंजाब से रिपोर्ट मांगी है.
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मौतों, खराब स्वास्थ्य सुविधाओं और वहां की अन्य दुर्दशा पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब और हरियाणा सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में कैदियों की दुर्दशा के मामले में दायर याचिका का निपटारा करते हुए देश के सभी उच्च न्यायालयों को मामले का संज्ञान लेने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सभी हाई कोर्ट को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत जेलों में सुधार पर सुनवाई करनी चाहिए. कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा था कि जेलों में बंद कई कैदी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. प्राकृतिक मौत के मामले सामने आ रहे हैं. जेलों की हालत ऐसी है कि कई कैदी इसकी वजह से आत्महत्या कर रहे हैं. इसलिए उनके परिजनों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन्हें एहसास हुआ है कि जेलों में कैदियों को न्यूनतम स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं, जबकि स्वास्थ्य सुविधाएं हर किसी का अधिकार है. जेलों का माहौल सुधारने की जरूरत है. सिर्फ जेल को सुधार गृह नाम देने से कुछ नहीं बदलेगा, बल्कि जेलों में सुधार होना जरूरी है. शिमला और दिल्ली में खुली जेल की अवधारणा काफी हद तक सफल रही है, इसलिए यह दिशा में किया जाना चाहिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है. अब कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को इस संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.