गोशाला में नहीं बची पशु रखने की जगह, परिषद की लापरवाही है वजह
गोशाला में 600 पशुओं की क्षमता, अभी हैं 800 से अधिक, लोग बोले- सड़कों पर संरक्षित पशुओं के लिए निगम निकाले हल
मोहाली। शहर के इंडस्ट्रियल एरिया फेज- एक स्थित गौरी शंकर गोशाला में आए दिन बढ़ रही संरक्षित पशुओं की संख्या को लेकर यहां पर जगह की कमी होने से काफी समस्या आ रही है। कम क्षमता वाली सरकारी गोशाला में अधिक पशुओं के आने से गोशाला प्रबंधकों को पशुओं की देखभाल करने में परेशानी झेलनी पड़ रही है। जबकि नगर परिषद लापरवाही कर रहा है और इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक जब से संरक्षित पशुओं को पकड़ने का ठेका शुरू हुआ है तब है से लेकर अब तक लगातार पशु पकड़ने वाली टीम पशुओं को पकड़कर सरकारी गोशाला में पहुंचा रही हैं। इसके चलते गोशाला में अब क्षमता से अधिक पशु हो गए हैं। एक ही शेड के नीचे पशुओं रखने से कई पशु बीमार पड़ रहे हैं। आने वाले समय में समस्या का हल न हुआ तो गोशाला में पशुओं के साथ कोई भी हानि हो सकती है। दूसरी ओर नगर निगम भी गोशाला में क्षमता से ज्यादा रखे गए पशुओं
पशुओं को लालडू भेजने की योजना अधर में
मोहाली जिला प्रशासन ने कुछ समय पहले लावारिस पशुओं को लालडू गोशाला में भेजने की योजना बनाई थी लेकिन अभी तक यह सपना हकीकत में नहीं बदल पाया है। कई बार इस प्रोजेक्ट को लेकर मीटिंग भी हुई लेकिन प्रोजेक्ट फाइलों से आगे नहीं बढ़ पाया है। हालांकि गोशाला को सरकार ने फंड भी जारी किया है। गोसेवा कमीशन ने पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान कुछ पशुओं को गोशाला में पहुंचाया था।
को दूसरी गोशाला में शिफ्ट करने संबंधी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
वहीं, मोहाली गोशाला में 600 पशुओं के रखने की क्षमता है, लेकिन गोशाला में अभी 800 से भी अधिक पशु हो गए हैं। पशुओं की संख्या बढ़ने से गोशाला प्रबंधकों को भी काफी मुश्किल उठानी पड़ रही है। वे पशुओं की उचित तरीके से देखभाल नहीं कर पा रहे हैं। गोशाला प्रबंधक इस मामले को कई बार नगर निगम अधिकारियों के समक्ष उठा चुके है। उसके बावजूद कोई हल नहीं किया जा रहा है।
पशुओं की देखभाल में आ रही दिक्कत
गोशाला के प्रबंधक प्रदीप शर्मा ने बताया कि जो पशु पकड़कर गोशाला लाए जा रहे हैं, उनमें से कौन-से बीमार है, उसका पता नहीं लग रहा है। कई दिनों से देखा गया है कि शेड में जो पशु रखे हुए हैं, उनमें से कई पशु अचानक गिर जाते हैं। पशुओं के चारे और इलाज में भी दिक्कत आ रही है। नगर निगम को इस संबंधी कोई ठोस कार्रवाई करनी चाहिए और पशुओं को दूसरी गोशाला में शिफ्ट कर देना चाहिए।
शहर की सड़कों पर घूम रहे संरक्षित पशुओं को पकड़कर सरकारी गोशाला में पहुंचाया जा रहा है। यहां पर इनकी संख्या अधिक होने के कारण यह दिक्कत आई है। निजी गोशाला चलाने वाली संस्थाओं से संपर्क करके इस समस्या का हल जल्द ही निकाला जाएगा। – कुलजीत सिंह बेदी, डिप्टी मेयर