गृह मंत्री अमित शाह ने युवाओं की कर दी मौज, सरकारी नौकरी के लिए किया ऐतिहासिक फैसला

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गृह मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक फैसले के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) पदों के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित कराए जाने को मंजूरी दे दी है.

एक आधिकारिक बयान में शनिवार को कहा गया कि यह ऐतिहासिक निर्णय सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की संख्या बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर लिया गया है.

सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) शामिल हैं.

बयान में कहा गया है, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए सीएपीएफ में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) पदों के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित कराए जाने को मंजूरी दे दी है.”

हिंदी और अंग्रेजी के अलावा प्रश्नपत्र 13 क्षेत्रीय भाषाओं-असमिया, बांग्ला, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में मुहैया कराया जाएगा.

इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शाह को पत्र लिखकर सीआरपीएफ कर्मियों की भर्ती के लिए तमिल को भी लिखित परीक्षा की भाषा के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया था.

इस निर्णय के बाद ये उम्मीद है कि राज्य/ केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें स्थानीय युवाओं को अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने के इस अवसर का उपयोग करने और देश की सेवा में करियर बनाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक अभियान शुरू करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय, क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग और विकास के प्रोत्साहन के लिए कटिबद्ध है.

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